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बसों में नहीं लगाए गए ट्रैकिंग डिवाइस या इमरजेंसी बटन, असुरक्षित यात्रा कर रही महिलाएं

मुजफ्फरपुर: महिलाओं पर हाल के दिनों में उत्पीड़न की कई घट’नाएं सामने आयी हैं। बिहार सरकार की ओर से सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश की लगातार अनदेखी की जा रही है। मुजफ्फरपुर से विभिन्न शहरों के लिए खुलने वाली बसों में महिला यात्रियों की संख्या काफी बढ़ी है। महिला यात्री की संख्या में डेढ़ गुना तक इजाफा हुआ है। लेकिन, बस ऑपरेटर इनकी सुरक्षा के मानकों को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

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एक रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरपुर से विभिन्न शहरों को जाने वाली 40 प्रतिशत (720) बसों में सुरक्षा के मानक का पालन नहीं हो रहा है। इनमें अबतक व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलडीटी) और इमरजेंसी बटन नहीं लगवाया गया है। जबकि, फरवरी 2024 में ही महिला सुरक्षा को लेकर सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय ने निर्देश जारी किये थे। राज्य परिवहन विभाग को इसका अनुपालन कराने का निर्देश दिया था। जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी डीटीओ की है। लेकिन अक्सर जिलों में ऐसा नहीं हो रहा है। इससे बस ऑपरेटरों महिला सुरक्षा के मानकों से खिलवाड़ करते हुए मनमाने तरीके से गाड़ियों का परिचालन कर रहे हैं।

महिलाएं असुक्षित होकर विवशता में बस से सफर कर रही है। हालांकि, मुजफ्फरपुर में बस में यात्रा के दौरान महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले रिकॉर्ड में नहीं आए है लेकिन सीट और भीड़ को लेकर कई रूटों पर महिला यात्रियों के साथ पुरूषों को नोकझोक करते जरूर देखा गया है।  मुजफ्फरपुर बैरिया बस पड़ाव से औसतन रोजाना 18 सौ के करीब बसें विभिन्न जिलों व प्रदेशों के लिए खुलती हैं। वहीं मुजफ्फरपुर सरकारी डिपो से करीब सवा सौ बसों का परिचालन हो रहा है।

मोटर फेडरेशन एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा का कहना है कि वीएलडीटी व इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य है। नहीं लगाने पर जुर्माना का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि वे ट्रांसपोर्टरों के साथ होने वाली मासिक बैठक में भी इसे लेकर बस ऑपरेटरों को प्रेरित करते है। वीएलडीटी व इमरजेंसी बटन लगाने को लेकर फिर से बस ऑपरेटरों से आग्रह करेंगे। इससे बस चालक, कंडक्टर और खलासी भी अपनी मनमानी नहीं कर सकता है। उसपर भी निगरानी रखी जा सकती है। इधर, डीटीओ कुमार सतेंद्र यादव ने कहा कि इसकी जांच समय-समय पर होती रहती है। आगे भी औचक जांच किया जाएगा। पकड़े जाने पर अधिकतम जुर्माना वूसला जाएगा। उन्होंने बस ऑपरेटरों से कहा कि जिनके बसों में वीएलडीटी नहीं लगा है। उसे अविलंब लगवाये।

बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की भी कई बसों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन उपकरण नहीं है। कुछ में लगा है, जो लंबे समय से खराब भी है। महिलाएं बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों को सबसे सुरक्षित मानती है। लेकिन, यहां भी नियम की धज्जियां उड़ायी जा रही है। क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष कुमार ने कहा कि इसकी समीक्षा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिनमें नहीं लगे है, उसे लगवाया जाएगा। खराब को अविलंब ठीक कराया जाएगा।

 

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