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बिहार में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट! पटना एयरपोर्ट होगा टेस्ट, हेल्थ डेस्क स्थापित

पटना : जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने लोगों से मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) बीमारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा निर्गत हेल्थ एडवायजरी का पालन करने का आह्वान किया है। साथ ही उन्होंने सिविल सर्जन, पटना एयरपोर्ट पर हेल्थ डेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया है।

Bihar: मंकीपॉक्स पर एडवाइजरी जारी, पटना एयरपोर्ट पर स्थापित होगा हेल्थ डेस्क  | Bihar: Advisory issued on monkeypox, health desk to be set up at Patna  airportBihar: मंकीपॉक्स पर ...

मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्यतः सेन्ट्रल और वेस्ट अफ्रीका में रिपोर्ट किया गया है. कुछ अवसरों पर इसे दूसरे प्रदेशों और स्वीडेन और पाकिस्तान में भी एक्सपोर्ट किया गया है. हमारे देश में मार्च, 2024 में केरल से एक मामला प्रतिवेदित किया गया था, जिनका अन्तर्राष्ट्रीय यात्रा का इतिहास था।

पटना एयरपोर्ट पर हेल्थ डेस्क 24 घंटे के अंदर क्रियाशील हो जाएगा. यहां अन्तर्राष्ट्रीय यात्रियों की विगत 21 दिनों की हिस्ट्री ली जाएगी. सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में ट्रैवलर स्व-घोषणा फॉर्म लिया जाएगा. सिविल सर्जन, पटना को इंग्लैंड नेविगेशन अथॉरिटी, गायघाट से समन्वय कर शिप द्वारा राज्य में आने वाले अन्तर्राष्ट्रीय यात्रियों का सर्विलांस सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है।

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संक्रामक रोग अस्पताल (आईडीएच), पटना एवं एनएमसीएच, पटना में एमपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड रहेगा. राज्य सरकार द्वारा इन संस्थानों के अधीक्षकों को निदेश दिया गया है कि इस आईसोलेशन वार्ड में 5 बेड संदिग्ध मरीजों के लिए और 5 बेड सम्पुष्ट मरीजों के लिए चिन्हि्त किया जाए. जिलाधिकारी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज स्तर पर एमपॉक्स के सर्विलांस के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया है।

डीएम ने कहा कि एमपॉक्स का लक्षण स्मॉलपॉक्स के ही है, लेकिन यह कम घातक है. इसके लक्षणों में मुख्यतः बुखार, त्वचा पर चकत्ते, सूजे हुए लिम्फ नोड, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट, गले में खरास, खांसी है. मंकीपॉक्स के कारण आंखों में दर्द या धुंधली दृष्टि, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, बार-बार बेहोश होना और दौरे पड़ना, पेशाब में कमी आदि है।

यह मुख्य रूप से मनुष्य-से-मनुष्य में फैलता है. प्रत्यक्ष शारीरिक सम्पर्क, अप्रत्यक्ष सम्पर्क या लंबे समय तक निकट सम्पर्क में आने पर सांस की बूंदों से मंकीपॉक्स फैलता है. मंकीपॉक्स किसी को भी हो सकता है, यदि वे संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक एवं/अथवा बार-बार सम्पर्क में आए हों. जिलाधिकारी ने कहा कि इस बीमारी के उपचार में लक्षणों का नियंत्रण, जटिलताओं का प्रबंधन और दीर्घकालिक स्क्विेल की रोकथाम शामिल है. द्वितीयक जीवाणु संक्रमण का उपचार संकेतानुसार किया जाना चाहिए।

Up: Alert In The Entire State Regarding Monkey Pox, Patients Will Be  Monitored At The Airport, These Are The S - Amar Ujala Hindi News Live -  यूपी:मंकी पॉक्स को लेकर पूरे

अगर आपके परिचित को मंकीपॉक्स है तो सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निदेशों का पालन करें. यदि आपको ऊपर वर्णित किसी भी परेशानी का अनुभव हो तो तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें. यदि कोई व्यक्ति पिछले 21 दिनों से किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया हो जो मंकीपॉक्स से ग्रस्त हो और उनमें लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।

 

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