पटना: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद सभी की निगाहें नई सरकार के स्वरूप पर है, क्यों कि भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में अपने दम पर 272 का आंकड़ा छूने से चूक गई है। अब सहयोगियों पर उसकी निर्भरता बढ़ गई है। दिल्ली में आज एनडीए की बैठक होने वाली है, जिसमें नवनिर्वाचित सांसदों के द्वारा नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जा सकता है। इसके बाद रविवार को पूरी कैबिनेट एक साथ राष्ट्रपति भवन के लॉन में शपथ ले सकती है।
सरकार गठन से पहले एनडीए में शामिल टीडीपी और जेडीयू जैसा सहयोगियों से भाजपा की चर्चा जारी है। मंत्रालयों की संख्या से लेकर विभागों के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस सबके बीच लोगों की निगाहें कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों की संभावित लिस्ट पर जा टिकी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एनडीए में शामिल शिवसेना प्रमुख मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने बेटे श्रीकांत शिंदे का नाम कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट में शामिल नहीं कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी केंद्रीय मंत्री के लिए कुछ वरिष्ठ और अनुभवी सांसदों के नामों पर विचार कर रही है। शिवसेना केंद्रीय मंत्री के लिए प्रताप राव जाधव का नाम प्रस्तावित कर सकती है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को एक मंत्री और एक राज्य मंत्री का पद मिल सकता है।
इसके अलावा, चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली तेलुगु देशम पार्टी कैबिनेट में अपनी पहली पसंद के तौर पर राममोहन नायडू का नाम प्रस्तावित कर सकती है। टीडीपी के केंद्रीय कैबिनेट में कम से कम तीन से चार पद मिलने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, टीडीपी को अब वित्त राज्य मंत्री और दो-तीन अन्य मंत्रालय मिलने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू इस बार तीन कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री पद की उम्मीद कर रही है। नीतीश कुमार की पार्टी की निगाहें कृषि, रेल, ग्रामीण विकास और जल शक्ति जैसे बिहार के हितों से जुड़े मंत्रालयों पर टिकी हैं। इसके अलावा नीतीश कुमार अपने करीबी सहयोगियों में शामिल संजय झा और ललन सिंह को मंत्री बना सकते हैं।
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