शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 23 अक्टूबर को है। नवरात्रि की नवमी को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि नवमी पर हवन और कन्या पूजन करने की मान्यता है। जो लोग पूरे 9 दिनों का व्रत रखते हैं, वे हवन पूजन और कन्या पूजन करने के बाद ही व्रत का पारण करते हैं।
अष्टमी और नवमी कब?
अष्टमी तिथि की शुरुआत- अक्टूबर 21, 2023 को 09:53 पी एम बजे
अष्टमी तिथि की समाप्ति- अक्टूबर 22, 2023 को 07:58 पी एम बजे
नवमी तिथि की शुरुआत- अक्टूबर 22, 2023 को 07:58 पी एम बजे
नवमी तिथि की समाप्ति- अक्टूबर 23, 2023 को 05:44 पी एम बजे
नवमी तिथि शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:45 ए एम से 05:36 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:43 ए एम से दोपहर 12:28 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01:58 से दोपहर 02:43 तक
गोधूलि मुहूर्त- 05:44 पी एम से 06:09 पी एम
अमृत काल- 07:29 ए एम से 08:59 ए एम
निशिता मुहूर्त- दोपहर 11:40 से 12:31 ए एम, अक्टूबर 24, 05:50 ए एम, अक्टूबर 24 से 07:19 ए एम, अक्टूबर 24
रवि योग- पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग- 06:27 ए एम से 05:14 पी एम
कन्या पूजन विधि
नवरात्रि की पूजा बिना कन्या पूजन के अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि के 9 दिन में किसी भी दिन कन्या पूजन की जा सकती है। वहीं, अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 10 वर्ष तक की कन्याओं की पूजा करना अति पुण्यदायक माना जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक की भैरों बाबा के रूप में भी पूजा की जाती है। 9 कन्याओं और एक बालक की पूजा करना शुभ माना जाता है।
1- कन्याओं को 1 दिन पहले ही आमंत्रित करें
2- सभी कन्याओं के पांव को साफ जल, दूध और पुष्प मिश्रित पानी से धोएं
3- फिर कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें
4- आप सभी कन्याओं को लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं
5- श्रद्धा अनुसार कन्याओं को चुनरी भी उढ़ा सकते हैं
6- अब कन्याओं को भोजन कराएं
7- दक्षिण या उपहार देकर सभी कन्याओं के पांव छूकर आशीर्वाद लें
8- माता रानी का ध्यान कर क्षमा प्रार्थना करें
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