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शहद के नाम पर बेचा जा रहा है ज’हर! डाबर जैसा ब्रांड भी लोगों को बना रहा बेवकूफ

आर्युवेद में शहद को अमृत समान बताया गया है. आर्युवेद के हिसाब से शहद से बहुत सी खतरनाक बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा शहद के नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है. शहद के सेवन से शरीर में एनर्जी का प्रवाह होता है. भारत में तो नवजात बच्चे को अन्नप्रासन में शहद चटाने की पुरानी परंपरा रही है। डायबिटीज के कई मरीज चीनी की जगह शहद की चाय-कॉफी पीते हैं. वजन कम करने के लिए लोग गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीते हैं. हालांकि, आज के समय शुद्ध शहद मिलना बहुत कठिन है. मिलावट के इस दौर में शहद के नाम पर जहर बेचा जा रहा है. देश में शहद बेंचने वाली कंपनियां हैं, जो खुद को देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की नंबर वन ब्रांड होने का दावा करती हैं।

2 बार विजेता - डाबर हनी हमारे रिव्यू में फिर से विजेता बना है (Two Time  Winner – Dabur Honey Wins Our Review Once Again)

आपमें से भी कई लोग इन कंपनियों का शहद इस्तेमाल करते होंगे. आपने कई बार नकली शहद बेंचे जाने की खबरें पढ़ी, सुनी या देखी होंगी. लेकिन ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि ये काम लोकल कंपनियां कर रही होंगी. अगर ब्रांडेड कंपनी का शहद होगा तो इसमें मिलावट नहीं होगी, लेकिन क्या ये शहद असली है? क्या ये वाकई में इतना शुद्ध है कि खाया जा सके? इन तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए देश के कई छोटे-बड़े ब्रांड्स के शदह का लैब टेस्ट करवाया गया। इसके जो नतीजे आए, वो हैरान और परेशान करने वाले हैं. नतीजों से पता चला कि डाबर जैसा ब्रांड भी शहद के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहा है।

Honey sold by dabur patanjali major brands in india adulterated with sugar  syrup | डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ समेत इन ब्रांड्स के शहद में मिलावट, सैम्पल  में मिली 77 फीसदी शुगर | TV9 Bharatvarsh

लैब टेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डाबर जैसी कंपनी का शहद भी शुद्ध नहीं है. डाबर कंपनी के शहद में एचएमएफ की मात्रा 176.57 मिलीग्राम मिली जो किसी भी हालत में 80 मिलीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए. डाबर के ही दूसरे सैंपल में इसकी मात्रा 97.250 मिलीग्राम मिली. एक अन्य ब्रांड श्रीजी हनी का सैंपल टेस्ट में फेल हो गया. उसमें एचएमएफ की मात्रा 135.16 मिलीग्राम मिली. इसका मतलब यह हुआ कि तीनों ही सैंपल शुद्धता की कसौटी पर खरे नहीं उतरे. यह एचएमएफ़ क्या है और यह स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है?

यह एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है जो कुछ मात्रा में मीठी चीजों में पाया जाता है. शुद्ध और ताजा शहद में इसकी मात्रा 15 मिलीग्राम तक होती है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार शहद में इसकी मात्रा प्रति किलो 40 मिलीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए. बहुत ज्यादा गर्म इलाकों में बनने वाले शहद के लिए यह मात्रा प्रति किलो 80 मिलीग्राम होनी चाहिए. कई शोध में ये पता चला है कि इंसान रोजाना 30 से 150 मिलीग्राम एचएमएफ ही पचा सकता है. इससे अधिक मात्रा में सेवन से कैंसर हो सकता है। यह आंतों, लिवर और किडनी को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है. यह नियो प्लास्टिसिटी पैदा कर सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि यह शरीर के हेल्दी सेल को ट्यूमर वाले सेल में बदल सकता है. इतना ही नहीं इससे ज्यादा HMF का सेवन करने से ये आपके DNA को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

 

 

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