पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की मांग की है। सदन में बिहार विनियोग विधेयक पर संबोधन के दौरान उन्होंने यह मांग रखी। जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार केसरी और आजाद भारत में बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के बाद यदि किसी ने सबसे ज्यादा काम किया है तो वो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। इसलिए नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाए यही मेरी मांग है। सदन में उन्होंने यह मांग रखी।
हालांकि, इस दौरान जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि सरकार से अनुरोध है कि कुछ सुधार की भी गुंजाईश है। आरक्षण आयुक्त पद विलोपित हो गया है जिसे फिर से शुरू करने की जरुरत है। गरीब छात्राओं को कॉलेजों में निशुल्क उच्च शिक्षा दी जाए। 2014-15 के अनुसार ही फिर से योजनाएं बिहार में शुरू की जाए। जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि भूदान अधिशेष की जमीन परमाना जारी किया जाए। 2015 में जो दखल देहानी की जो मुहिम शुरू की गई थी उसे फिर से शुरु किया जाए। परमाना का खतियान दिया गया लेकिन कब्जा नहीं दिलाया गया। इस पर ध्यान दिया जाए। वही खगड़िया में जमीन विवाद में 80 मुसहरों का घर ज’ला दिया गया। सरकार जमीन खरीद कर दे सकती हैं। तीन डिसमिल जमीन रहने लायक नहीं होता है इसलिए पांच डिसमिल जमीन दिया जाए। जीतनराम मांझी ने आगे कहा कि एसटी-एससी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के आधार पर बेल दिया जाता हैं कार्रवाई नहीं की जाती है। एसटी-एससी आयोग के लिए विशेष एसपी बहाल किये जाने की उन्होंने बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस बहाली में एससी-एसटी कैडिडेट की लंबाई 152 सेंटीमीटर रखे जाने की बात कही।
Be First to Comment