पटना: सोमवार यानी आज से बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। वही, बजट सत्र की शुरुआत से साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद ने नीतीश कुमार ओर महागठबंधन सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि, बिहार के बजट सत्र पर भी है। बिहारियों के लिए बजट में क्या क्या वादे होंगे उस पर नजर होगी।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, इस बजट सत्र में छात्रों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वो छात्रों के मुद्दे को लेकर आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार दलितों को भी धोखा दे रहे है। इसलिए मैं हमेशा से ही अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को उस समाज से आने वाले छात्रों के साथ खड़ा हूं। इतना ही नहीं मैं राज्य के सभी छात्रों के साथ खड़ा हूं। पहले छात्र को पूरी राशि मिलती थी अब उन राशियों में बदलाव कर दिए गए हैं। बिहार सरकार लगातार दलितों के साथ धोखा कर रही है। नीतीश कुमार बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं।
वहीं चिराग ने राज्य में बढ़ते अप’राध को लेकर कहा कि, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपरा’धियों को संरक्षण दे रहे हैं। राज्य के अंदर आए दिन दलित परिवार के सदस्य की ह’त्या हो रही है। लेकिन, इसके बाबजूद सीएम ध्यान नहीं दे रहे हैं। लोगों को उचित अधिकार नहीं मिलता है। मुख्यमंत्री ने बिहार में बंटवारे की राजनीति की है। जो मुख्यमंत्री बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं, वह पूर्णिया में संविधान बचा रहे थे। इस देश में कभी संविधान की ह’त्या नहीं हो सकती है। ऐसी बातें मुख्यमंत्री की सोच को दर्शाती है। बिहार और बिहारियों के ज्वलंत विषय पर चर्चा करने की बजाय मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करते हैं।
इसके आलावा चिराग ने कहा कि,बिहार में छात्रवृत्ति छात्रों के खाते में जाने की बदले कहीं और जाती है। छात्रों के द्वारा पैसे को इस्तेमाल नहीं हो पाता है। नीतीश कुमार बिहारियों को बरगलाने और भ्रमित करने के लिए नीतीश विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं। चिराग बोले कि वह छात्रों के हित को लेकर भी बड़े आंदोलन करेंगे। चिराग ने संभावनाएं जताई है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हो सकते हैं। महागठबंधन की रैली का एक ही उद्देश्य था, वो बस पीएम मोदी को नीचा दिखाना चाहते थे।
इसके अलावा उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने भी कई बदलाव किए हैं। फ्रीशिप कार्ड के जरिए छात्र के खाते में सीधे पैसे आएंगे। मौजूदा बिहार सरकार दलित विरोधी है, अनुसूचित जाति जनजाति विरोधी है। नीतीश कुमार दलित विरोधी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। अनुसूचित जाति जनजाति से आने वाले लोगों को टारगेट कि’लिंग कर मा’रा जा रहा है। दलित युवा युवती के साथ निर्मम ह’त्या, दुष्क’र्म के मामले आ रहे है। इस पर एक ओर मुख्यमंत्री खामोश हैं तो वहीं दूसरी ओर 2020 चुनाव से पहले मुख्यमंत्री एक योजना लेकर आते हैं कि दलित परिवारों के अंदर अगर किसी की हत्या होगी तो एक सदस्य को सरकारी नौकरी और चार लाख का मुआवजा मिलेगा।
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