बिहार की राजधानी पटना के बेऊर थाना क्षेत्र स्थित पेट्रोल-डीजल के अवैध डिपो में सोमवार रात भीषण आ’ग लग गई। पेट्रोलियम पदार्थ में आ’ग लगते ही इसने वि’कराल रूप ले लिया। घ’टना से पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। इस दौरान एक के बाद एक कई विस्फो’ट हुए, जिससे स्थानीय लोग सहम गए।
सूचना मिलने पर पुलिस ने आसपास को लोगों को हटाया। मौके पर सात दमकल केंद्र से 14 गाड़ियां भेजी गई। दमकल कर्मियों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आ’ग को काबू में किया। हालांकि कुलिंग का काम देर रात तक चलता रहा। आ’ग से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई। आ’ग कैसे लगी पुलिस इसकी जांच कर रही है। आशंका है कि जली हुई बीड़ी-सिगरेट अथवा शार्ट सर्किट से आग लगी है।
स्थानीय लोगों का आरो’प है कि दमकल की गाड़ी देर से घ’टना स्थल पर पहुंची। इस कारण आ’ग बेकाबू हो गई। जबकि दमकल अधिकारी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर गाड़ियों को रवाना कर दिया गया। घट’ना बेऊर इलाके के हुलुक पुर रोड 35 फीट स्थित पेट्रोल के एक अवैध डिपो में हुई। बताया जा रहा है कि दमकल विभाग को रात करीब पौने 9 बजे आ’ग लगने की सूचना मिली। इसके बाद मुख्यालय लोदीपुर सहित फुलवारीशरीफ, दानापुर, सचिवालय, कंकड़बाग, पटना सिटी और बिहटा दमकल केंद्र से कुल 14 गाड़ियां मौके पर भेजी गई।
दमकल कर्मियों के मौके पर पहुंचने से पहले आ’ग भीषण हो चुकी थी। इसकी लप’टें 50 मीटर उपर तक उठीं। रह रह कर टैंकर और ड्रम के फटने से ध’माके हुए। आ’ग और ध’माके से पूरा इलाका सिहर उठा। दमकल कर्मियों ने रात करीब पौने 11 बजे आग पर काबू पाय।
चोरी का पेट्रोल-डीजल इकट्ठा कर अवैध डिपो बनाया
बेऊर में जिस जगह पर आ’ग लगी वहां से इंडियन ऑइल का पेट्रोलियम डिपो महज 400 मीटर दूर है। डिपो से निकलने वाले वाहनों से चोरी कर पेट्रोल और डीजल अवैध डिपो में इकट्ठा किया जाता है। बाद में उसे सस्ती कीमत पर बेच दिया जाता है। सस्ता तेल खरीदने के लिए रोजाना इलाके में शाम के वक्त लोगों का जमावड़ा होता है। जिस अवैध डिपो में आ’ग लगी वह विशाल कुमार उर्फ मंटुस नाम के व्यक्ति का बताया जा रहा है। वैसे थानेदार ने बताया कि डिपो किसका है इसकी जांच की जा रही है।
आईओसी डिपो तक लप’टें पहुंचतीं तो भया’वह होता मंजर
गनीमत रही कि आ’ग की ल’पटें 400 मीटर दूर स्थित आईओसी के तेल डिपो तक नहीं पहुंची। इस डिपो से पटना और आसपास के जिलों में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति की जाती है। आसपास दर्जनों अपार्टमेंट बने हुए हैं। बावजूद इसके चार दर्जन से ज्यादा अवैध डिपो चल रहे हैं। जिस तरह से घटनास्थल पर विस्फोट हो रहे थे यदि आग पेट्रोलियम डिपो तक पहुंच जाती तो मंजर और भयावह होता।
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