नीतीश कुमार की बार-बार पीएम की दावेदारी से इनकार और तेजस्वी यादव जैसे युवाओं को आगे बढ़ाने की वकालत के बीच राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि 2025 में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाकर नीतीश कुमार आश्रम खोल लें। इस पर जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार को जनता सत्ता के शिखर पर चाहती है और वो कोई आश्रम नहीं खोल रहे हैं।
कुशवाहा ने शिवानंद तिवारी को नसीहत थमा डाली है कि उन्हें जरूरत है तो वो कोई और आश्रम तलाश लें। आम जन-जीवन में आश्रम खोलने का मतलब संन्यास लेने से लगाया जाता है और नीतीश कुमार के मामले में ऐसा कहना शिवानंद तिवारी की राजनीतिक सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
आरजेडी के प्रदेश सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष लालू यादव की मौजूदगी में शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था कि हम लोग आश्रम खोलेंगे और वहां राजनीतिक कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का इंतजाम करेंगे। तिवारी ने कहा कि हम नीतीश को याद दिलाना चाहेंगे कि आश्रम खोलने वाला याद रखिएगा, 2025 में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाइए और फिर आश्रम खोलिए, हम भी उस आश्रम में रहेंगे।
तिवारी के इस बयान को जाहिर तौर पर ना लालू सपोर्ट करेंगे और ना तेजस्वी यादव क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटता को लेकर नीतीश बहुत सक्रिय हैं और देश भर के विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। नीतीश कुमार के यूपी के फूलपुर या मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव लड़ने तक की अटकलबाजी हो रही है।
शिवानंद तिवारी के बयान पर फटाफट प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा – “बाबा, नीतीश कुमार जी अभी आश्रम नहीं खोलने वाले हैं। करोड़ों देशवासियों की दुआएं उनके साथ है, जो चाहते हैं कि नीतीश जी सत्ता के ऊंचे से ऊंचे शिखर पर रहते हुए बिहारवासियों के साथ देशवासियों की सेवा करते रहें। मुझको लगता है यदि आपको जरूरत है, तो कोई और आश्रम की तलाश कर लेना चाहिए।”
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