अपह’रण व ह’त्या के मामले में जिस आईओ ने अभियुक्तों के खिला’फ चार्जशीट दायर की, गवाही के दौरान वही आईओ मुकर गया और अभियुक्तों को निर्दोष बताते हुए उन्हें फं’साने की बात कही। 19 साल बाद आए फैसले में सेशन कोर्ट के न्यायाधीश तृतीय ने साक्ष्य के अभाव में इस कां’ड के तीन आरो’पितों प्रभात रंजन, श्याम बाबू पटेल और लक्ष्मण पटेल को बरी कर दिया। मामला जक्कनपुर थाना के विग्रहपुर के रहने वाले श्रवण कुमार के अपहर’ण व ह’त्या से जुड़ा है।
पुलिस व अभियोजन पक्ष तीनों आरो’पितों पर उनके आरो’पों को साबित करने में असफल रहे। इस कां’ड के अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी राजकिशोर सिन्हा ने गवाही देते हुए कहा कि तीनों आरो’पी निर्दोष हैं। उन्हें फंसा’या गया है। वादी ने लोगों के बहकावे में अभियुक्त बना दिया था। जांच करने वाले पुलिस अधिकारी के इस बयान के बाद अभियोजन ने इस पुलिस अधिकारी को पक्षद्रोही घोषित नहीं किया। इस ह’त्याकांड में अभियोजन ने 12 अभियोजन गवाह पेश किए थे जबकि बचाव में 4 गवाह पेश किए गए थे।
जक्कनपुर थाना क्षेत्र के विग्रहपुर के रहने वाले श्रवण कुमार को अपरा’धियों के एक गिरोह ने अप’हरण कर लिया था। रंग’दारी नहीं देने पर गो’ली मा’रकर ह’त्या कर दी थी। ला’श को मीठापुर कृषि फार्म में फें’क दिया था। पुलिस ने ला’श को कृषि फार्म से बरा’मद किया था। पुलिस ने घट’नास्थल से कोई भी खू’न का निशान नहीं पाया था। अपरा’धियों ने कहीं अन्य श्रवण कुमार की गो’ली मा’र कर ह’त्या कर दी और ला’श मीठापुर कृषि फार्म में फेंक दिया था।
यह घट’ना 6 जनवरी 2003 को हुई थी। इस मामले में मंजू देवी के बयान पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। छह नामजद अभियुक्त बनाये गये थे। पुलिस ने जांच के दौरान एक अभियुक्त रामबाबू प्रसाद उर्फ राम पटेल को निर्देष बताया था। तीन आरो’पितों प्रभात रंजन, श्यामबाबू पटेल और लक्ष्मण पटेल पर चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद दो अभियुक्त अनिल शर्मा और चुनचुन शर्मा पर अनुसंधान जारी रखा था।
Be First to Comment