मुजफ्फरपुर : सूबे के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की सरकार पर निर्भरता कम करने को लेकर नई शिक्षा नीति के तहत ए स्कूल वालंटियर प्रोग्राम विद्यांजलि 2.0 की शुरूआत की गई है। स्कूलों को कहा गया है कि पोर्टल पर लाॅगइन कर अपनी जरूरतों को वहां अपलोड करें, लेकिन जिले के स्कूलों की ओर से इस ओर रूचि नहीं दिख रही है।
राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने डीईओ और डीपीओ एसएसए को पत्र भेजकर सभी स्कूलों को इस पोर्टल पर पंजीयन कराने को कहा है। उत्तर बिहार में मधुबनी से सर्वाधिक 753 स्कूलों ने पंजीकरण किया है। वहीं जिले में तीन हजार से अधिक स्कूलों में से महज 98 ने ही पंजीयन किया है। पंजीयन के मामले में मुजफ्फरपुर सूबे में 21वें स्थान पर है। वहीं सीतामढ़ी और दरभंगा इस मामले में सबसे नीचले पायदान पर हैं।
केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत ए स्कूल वालंटियर प्रोग्राम विद्यांजलि 2.0 की शुरूआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों का ज्ञान व कौशल बढ़ाने के लिए उनकी जरूरतें जैसे उपकरण, सामग्री सहित अन्य संसाधन पूरा किया जाना है। इसके तहत पोर्टल पर पंजीकृत स्वयंसेवक अपनी पसंद के विद्यालयों से सीधे जुड़ेंगे। साथ ही स्कूलों में ज्ञान व कौशल को साझा करने के साथ ही सहायता के रूप में जरूरत के हिसाब से उपकरण व सामग्री बिना धनराशि सौंपे उपलब्ध कराएंगे।
विद्यांजलि के तहत स्वयंसेवक व सेवा प्रदाता स्कूल में इलेक्ट्रिक, डिजिटल सह शैक्षणिक गतिविधि के उपकरण, खेलकूद, योग, स्वास्थ्य व सुरक्षा सामग्री व शिक्षण सामग्री दान के रूप में उपलब्ध कराएंगे। स्वयंसेवक स्कूल के कार्यालय में फर्नीचर व स्टेशनरी भी प्रदान कर सकते हैं। स्कूल में बेहतर सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराने को लेकर यह सामाजिक पहल होगी।
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