बिहार : मुजफ्फरपुर में सदर अस्पताल के नाम पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। प्राथमिक विद्यालय बालक मनियारी में नामांकन को आए जन्म प्रमाण पत्र के छानबीन के बाद यह मामला सामने आया। इस संबंध में उपाधीक्षक डा.एन के चौधरी ने बताया कि सदर अस्पताल के नाम पर बना हुआ एक प्रमाण पत्र उनके सामने आया है।
उपाधीक्षक ने बताया कि जब अपने प्रबंधक से जांच कराया तो पाया गया कि यहां से यह जारी नहीं किया गया है, उस पर जो हस्ताक्षर है वह उनका नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में नामांकन के लिए प्रमाण पत्र जमा किया गया था। वहां के स्कूल प्रशासन ने अभी तक संपर्क नहीं किया है।
जानकारी के अनुसार कुढ़नी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बालक मनियारी में नामांकन के लिए पंचानवे प्रतिशत से अधिक बच्चों का जन्म एक जनवरी को ही हुआ साल भले ही अलग अलग हैं। प्रधान शिक्षक के पास नामांकन के लिए जब जन्म प्रमाणपत्र आने लगे तो अधिकांश में जन्म की तिथि एक जनवरी ही लिखी हुई थी। नामांकन से पहले जब विद्यालय के प्रधानाध्यपक को शक हुआ, उसने अपने स्तर से छानबीन शुरू की. उसके बाद इसकी जानकारी उपाधीक्षक सदर अस्पमताल को दी गई. उन्होंने जब छानबीन किया तो पता चला कि यह सही नहीं है।
एक जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर कई विद्यालय में नामांकन कराया जा रहा है। प्रधानाध्यापक ने कहा कि वह इस संबंध में सदर अस्पताल को पत्राचार किया गया हैं. शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई हैं। शंका जताया कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर एक छात्र का नामांकन एक से अधिक विद्यालय में कराया जा रहा है. इसके आधार पर सरकार की ओर से मिलनेवाली पोशाक राशि, मध्यान भोजन राशि फर्जी तरीके से एक से अधिक जगहों से उठाया जा सकता है. फिलहाल इस मामले के सामने आने के बाद हडकंप मचा हुआ है।
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