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रोहिणी कोर्ट ब्ला’स्ट के’स : वैज्ञानिक ने जानबूझ’कर अदालत में मौजूद और लोगों का जीवन खत’रे में डाला!

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स में आईईडी विस्फो’ट के मामले में आरो’पी डीआरडीओ के वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया के खि’लाफ पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आ’रोप पत्र दायर कर दिया है।

यह घ’टना 9 दिसंबर 2021 को रोहिणी अदा’लत में घ’टित हुई थी। अदालत के कोर्ट नम्बर 102 में उस समय विस्फो’ट हुआ था जब मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीतु राज नियमित सुनवाई कर रहे थे। मामले की संवेदनशीलता, प्रकृति और महत्व को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उत्तरी रेंज और एसटीएफ को घ’टना की जांच करने का काम सौंपा गया था।

एक हजार 40 पन्नों के आ’रोपपत्र में कहा गया है कि जांच के दौरान 150 से अधिक कैमरों के सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के बाद घट’ना के दिन अदालत परिसर में प्रवेश करने वाले एक हजार से अधिक वाहनों का सत्यापन, वकीलों / वादियों / पुलिस कर्मियों / पिछले आपराधिक इतिहास वाले व्यक्तियों सहित सैकड़ों व्यक्तियों से पूछताछ के बाद जांच टीम घ’टना के पीछे आ’रोपी की पहचान करने में सफल रही थी। इस मामले में घ’टना आठ दिन बाद 17 दिसंबर को आरो’पी भारत भूषण कटारिया को गिर’फ्तार किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, जांच से पता चला कि आ’रोपी भारत भूषण कटारिया ने अदालत में 9 दिसंबर को जान-बूझकर एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) रखा और एक रिमोट का उपयोग करके बाहर से ट्रि’गर दबाकर धमा’का किया। आ’रोपपत्र में कहा गया है कि आ’रोपी ने अपने प्रतिद्धंदी अमित वशिष्ठ को मा’रने के इरादे से इस कृत्य को अंजाम दिया। ऐसा करके आरो’पी ने अपने जघ’न्य कृ’त्य से न्यायाधीश, अदालत के कर्मचारियों, वकीलों और अन्य वादियों सहित अदालत में मौजूद अन्य व्यक्तियों के जीवन को भी खत’रे में डाला।

पुलिस का दावा है कि उसके पास आरो’प साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं और इस मामले की जांच पूरी तरह अत्यधिक पेशेवर व वैज्ञानिक तरीके से की गई है। पुलिस ने यह भी कहा है कि मामले में जांच अभी जारी है, आवश्यक समझे जाने पर पूरक आरो’पपत्र भी दायर किया जा सकता है।

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