कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार एहतियात बरत रही है। अस्पतालों को भी विशेष निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद जिले में पुलिस अधिकारियों व जवानों के लिए बैरिया स्थित न्यू पुलिस लाइन में बना 16 बेड का पुलिस अस्पताल खुद बीमार है। अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं दो नर्सिंग अर्दली व एक ड्रेसर के भरोसे है। फरवरी से डॉक्टर की तैनाती नहीं है। मरीज की उपलब्धता पर तत्कालीन चिकित्सक ही आते हैं।
पुलिस अस्पताल में जीवन रक्षक दवाएं भी नहीं हैं। बुखार होने पर भी पुलिसकर्मियों को बाहर से दवा लेनी पड़ती है। इस वजह से भी पुलिसकर्मियों का अस्पताल में इलाज के लिए आना काफी कम होता है। नर्सिंग अर्दली सुमन देवी व मनोज कुमार और ड्रेसर मुनेश्वर महतो ने बताया कि डॉक्टर रिटायर हो गए हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर कॉल कर बुलाया जाता है।
अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार
वायरस के बचाव के लिए स्वच्छता को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन पुलिस अस्पताल परिसर में गंदगी फैली है। नर्सिंग अर्दली के भरोसे ही साफ-सफाई की जाती है। इस स्थिति में वहां पहुंचने वाले मरीजों में संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। बताया जाता है कि बीते आठ मार्च को महिला दिवस पर अस्पताल में मेडिकल कैंप लगा था। भोजन का प्रबंध किया गया था, जिसका कचरा अबतक पड़ा है।
एक भी बेड दुरुस्त नहीं
पुलिस अस्पताल में एक भी बेड दुरुस्त नहीं है। किसी मरीज को सुलाकर स्लाइन भी नहीं चढ़ाया जा सकता। हॉल में तीन बेड हैं, लेकिन सभी टूटे हुए हैं। बाकी बेड भी जंग खा रहे हैं और कबाड़ में फेंक दिया गया है। बताया जाता है कि इस अस्पताल में सिर्फ वे ही जवान या पुलिस अधिकारी आते हैं, जिन्हें बीमारी का प्रमाण पत्र लेना होता है।
फिलहाल डॉक्टर की तैनाती नहीं है। अस्पताल में जल्द डॉक्टर की तैनाती होगी। तैनाती के साथ ही अस्पताल की व्यवस्था ठीक हो जाएगी।
-जयंतकांत, एसएसपी
source: Hindustan
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