सिकंदरपुर मन के सौन्दर्यीकरण का प्रोजेक्ट घोषणाओं में लटककर रह गया है। इसकी प्रक्रिया दो दशक से जारी है, लेकिन अधिकारी से लेकर मंत्री तक घोषणा से आगे नहीं बढ़ सके हैं। स्मार्ट सिटी के तहत भी इसके सौन्दर्यीकरण की योजना तैयार की गयी, लेकिन अब तक डीपीआर नहीं बन सकी है। इससे मन के सौन्दर्यीकरण पर ग्रहण लगता दिख रहा है। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कड़ी चेतावनी देते हुए इसके लिए 29 फरवरी का डेड लाइन दिया था, लेकिन काम पूरा नहीं हो सकता।
सूत्रों के अनुसार, पीडीएमसी एजेंसी की टीम में इसके लिए योग्य एवं अनुभवी आर्किटेक्टर नहीं हैं। इससे एजेंसी ने इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। वहीं, नगर आयुक्त ने एजेंसी के रवैये से खफा होकर एकबार फिर कड़ी चुनौती दी है। एक सप्ताह में इसका डीपीआर नहीं सौंपने पर परिश्रमिक की राशि में कटौती की चेतावनी दी गयी है।
दूसरी ओर इस प्रोजेक्ट के अटके होने से मन की जमीन पर अवैध रूप से बसे सैकड़ों परिवारों का मनोबल और बढ़ता जा रहा है। प्रमंडलीय आयुक्त के तत्काल मापी के आदेश के बावजूद मुशहरी सीओ पहल नहीं कर रहे हैं।
शहरवासियों को बेहतर सुविधा मिले इसकी बनी थी योजना
स्मार्ट सिटी के तहत सिकंदरपुर मन के सौन्दर्यीकरण की योजना तैयार की गयी। इसके तहत मन में नौका विहार और तैरते रेस्टोरेंट के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया, ताकि के शहरवासियों को पिकनिक व मौज-मस्ती के लिए भटकना नहीं पड़े। प्रस्ताव के तहत मन के चारों ओर से छठ घाट, तीन पार्क, वन और टू लेन रोड, दो फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, दो फ्लोटिंग फाउंटेन, ओपन एयर थियेटर की योजना तैयार की गयी। यही नहीं, जॉगिंग पाथ, वाकिंग लेन, शॉपिंग कम्पलेक्स, पार्किंग, ओपेन एयर रेस्टोरेंट, टी हट, स्तूप, गार्डेंन, मास प्लांटेशन के निर्माण का भी प्लान तैयार किया गया था। लेकिन, अब तक इसकी डीपीआर पर काम शुरू नहीं हुआ है।
मार्च में टेंडर नहीं होने पर कार्रवाई
सिकंदरपुर मन के सौन्दर्यीकरण के मामले में नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर अडिग हैं। मार्च में इसका टेंडर नहीं हुआ तो इस प्रोजेक्ट पर कुंडली मार बैठी एजेंसी व अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। कहा कि इस बार किसी को नहीं बख्शा जाएगा। ‘
(इस खबर को मुजफ्फरपुर न्यूज़ टीम ने संपादित नहीं किया है. यह hindustaanफीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
4 Comments