बिहार विधानमंडल में पीठासीन अधिकारियों का 85 वां सम्मेलन 20 और 21 जनवरी को आयोजित किया गया। जिसका आज समापन हो गया। इस सम्मेलन में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश, बिहार विधान परिषद् के सभापति अवधेश नारायण सिंह, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नन्द किशोर यादव, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार विधान परिषद् के उप सभापति प्रो.(डॉ.) रामवचन राय, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेन्द्र नारायण यादव एवं अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। 1921 से लेकर आज तक पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलनों को देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित करने की परंपरा रही है। इन सम्मेलनों में विधायिका की स्वायत्तता, वित्तीय प्रबंधन, समिति प्रणाली, सदन और सदस्यों के विशेषाधिकार, सदन में अनुशासन और गरिमा, सदन के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श किया गया और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
प्राचीन शहर पटना में यह सम्मलेन तीसरी बार आयोजित हो रहा है। इससे पहले 19 तारीख को सम्मेलन के उद्घाटन के पूर्व विधानमंडलों के सचिवों की बैठक हुई। ‘संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को सशक्त करने में संसद और राज्य विधायी निकायों का योगदान।’ इस विषय पर दो दिन चली चर्चा में 41 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया। दो दिन तक चले इस सम्मेलन में देश भर से 23 विधान मंडलों के 41 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया।
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