साइबर फ्रॉड गैंग से जुड़े बदमाश ठ’गी के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। पहले से ठगी के शिकार लोगों को रुपये वापस करने का झांसा देकर फिर से कॉल कर जाल में फंसा रहे हैं। जिले के दो थाना क्षेत्रों से अलग-अलग दो मामले सामने आए हैं। दोनों को ठगी का एहसास होने पर बदमाशों ने फोन काट दिया। इस तरह वे दुबारा शातिरों के चंगुल में फंसने से बच गए।बताया गया कि इन दोनों पीड़ितों से पूर्व में ठगी की गई थी। दोनों ने अपने-अपने स्थानीय थाने में शिकायत की, लेकिन उन्हें साइबर थाने में जाकर शिकायत करने के लिए बोला गया था, जिसके बाद पीड़ितों ने परेशानी के कारण शिकायत नहीं की। पीड़ितों की मानें तो घटना के एक सप्ताह के भीतर फिर साइबर फ्रॉड ने उनके मोबाइल पर कॉल की। रुपये वापस भेजने का झांसा देकर फिर से शिकार बनाने का प्रयास किया। हालांकि सतर्क रहने के कारण दुबारा शिकार नहीं बना सका।
साइबर डीएसपी सीमा देवी ने बताया कि पोर्टल से नाम और नंबर निकालकर ठगी का प्रयास किया जा रहा है। लोग झांसे में नहीं आएं। कोर्ट की अनुमति के बाद ही ठगी के होल्ड कराए गए रुपये वापस होंगे। ठगी का संदेह होने पर नजदीकी थाने में शिकायत करें।
बीते 14 दिसंबर को मीनापुर के रामपुरहरि थाना क्षेत्र के गोरीगामा निवासी सर्वेश कुमार के साथ ठगी का प्रयास किया गया था। एक सप्ताह पूर्व साइबर फ्रॉड द्वारा क्रेडिट कार्ड का ऑनलाइन सत्यापन करने का झांसा देकर एक लिंक भेजा गया। इस पर क्लिक करते ही सर्वेश के बैंक खाते से 1.36 लाख रुपए की निकासी हो गई। उसके ठीक पांच दिन बाद दुबारा कॉल कर दी। इस पर सर्वेश की पत्नी ने कहा कि ठगी के रुपए की जगह आधा ही वापस कर दो। इसके बाद ठग ने फोन काट दिया।
16 दिसंबर को तुर्की के अभिषेक कुमार को साइबर फ्रॉड ने स्मार्ट मीटर की बिजली कटने के नाम पर एक एप इंस्टॉल करवाया। इसके बाद लिंक भेजकर 11 हजार 770 रुपये उड़ा लिए थे। ठीक चार दिन बाद साइबर फ्रॉड ने दुबारा कॉल कर कहा कि उन्होंने शिकायत कर दी है, जिस वजह से वह अब रुपए वापस करना चाहता है। एक प्रक्रिया करनी होगी। इसके बाद राशि वापस हो जाएगी। हालांकि उसकी चालाकी अभिषेक समझ गया। इसके बाद ठग ने तुरंत कॉल काट दी।
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