बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई 3) में फर्जीवाड़ा करने वाले 68 अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने आजीवन प्रतिबंधित कर दिया है। इनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। अब ये अभ्यर्थी बीपीएससी की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। आयोग ने इन सभी के नाम, रोल नंबर, और अन्य विवरण सार्वजनिक किए हैं। आयोग ने यह साफ़ कर दिया है कि यह अभ्यर्थी अब आयोग से जुड़ी किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। आयोग के अनुसार, इन उम्मीदवार पर आरोप है कि BPSC को गलत पहचान दिए थे। जिसके कारण आयोग ने यह निर्णय लिया है। कैंडिडेट्स अब किसी भी परीक्षा के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं, ना ही आयोग की कोई परीक्षा दे सकते हैं।
मालूम हो कि, टीआरई 3 परीक्षा 15 मार्च को आयोजित हुई थी, लेकिन पेपर लीक होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया। बाद में परीक्षा 19-22 जुलाई के बीच दोबारा आयोजित की गई। परिणाम 16 दिसंबर को घोषित हुआ। आयोग ने खुलासा किया कि ये 68 अभ्यर्थी अपनी जगह अन्य व्यक्तियों से परीक्षा दिलवाने की कोशिश कर रहे थे।
वहीं 27 दिसंबर को बीपीएससी ने 11वीं और 12वीं कक्षा के अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित किया था। नए रोस्टर के अनुसार, शिक्षा विभाग में 19,415 नौवीं और दसवीं कक्षा के पदों पर वैकेंसी है। आयोग ने इस बार 65 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को रद्द कर दिया और 50 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर परिणाम जारी किए हैं। बीपीएससी ने 19-22 जुलाई 2024 के बीच पुनः परीक्षा आयोजित की थी, जो पहले मार्च में होनी थी, लेकिन पेपर लीक की वजह से इसे रद्द कर दिया गया था। आयोग ने यह परीक्षा शांतिपूर्ण और बिना किसी गड़बड़ी के संपन्न करवाई।

TRE-3 में बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने, आजीवन बैन हुए इतने अभ्यर्थी; महिलाएं भी शामिल
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