जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने जमानत मिलने के बाद एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जन बल के आगे कोई बल नहीं है. पीके ने यह भी कहा कि अनशन आगे भी जारी रहेगा और अब यह मामला पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ही निपटेगा. पीके ने कहा कि पूरे दिन के अनुभव में मैंने ये देखा कि सैकड़ों पुलिस वाले जनसुराजी हैं. वहीं प्रशांत किशोर पर अब बीजेपी के दिग्गज नेता और बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने बड़ा बयान दिया है. मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि आज से लोग प्रशांत किशोर को नेता मानेंगे।
नीरज कुमार बबलू ने कहा कि जब तक नेता लाठी नहीं खाता है, जेल नहीं जाता है या जब तक नेता की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक जनता नेता स्वीकार नहीं करती है. हम समझते हैं कि उनके (प्रशांत किशोर) लिए यह दिन बेहतर रहा है. बीजेपी नेता ने आगे कहा कि अगर वो राजनीति में जनसेवा करना चाहते हैं तो उनको संघर्ष करना चाहिए, हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं. बीजेपी नेता ने आगे कहा कि प्रशांत किशोर आंदोलन करने छात्रों के हित में ये गए थे, लेकिन हमको लगता है कि अपने हित में गए थे. वो चाहते हैं कि लोग हमको नेता माने.
वहीं BPSC प्रिलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पूरे प्रदेश में परीक्षा को रद्द करके फिर से परीक्षा कराने की याचिका को लेकर आज यानी मंगलवार (7 जनवरी) सुनवाई होने वाली है. इस याचिका में प्रदर्शनकारी छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार जिले के SP और DM को जिम्मेदार ठहराकर उन पर कार्रवाई करने की मांग भी की गई है. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच सुनवाई करने वाली है.
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