ठंड शुरू होने के साथ ही दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानों को ‘सर्दी’ लगने लगी है। अभी ठीक से कुहासा लगना शुरू नहीं हुआ है कि विमानों के परिचालन पर असर होने लगा है। आईएलएस (इन्स्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) और ग्राउंड लाइटिंग का काम पूरा नहीं होने से आने वाले दिनों में यह समस्या और गहराने की आशंका है। दरभंगा एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता व बेंगलुरू के लिए रोजाना 12 उड़ानें संचालित हैं।
गत रविवार को कुहासे के कारण मुम्बई से दरभंगा आ रही फ्लाइट को वाराणसी डायवर्ट कर दिया गया था। सोमवार को दिल्ली से आने वाला पहला विमान पांच घंटे से अधिक की देरी से दरभंगा पहुंचा था। अन्य जगहों से आने वाली फ्लाइट भी विलंब से पहुंची थी। लोगों का कहना है कि अभी से यह हाल है तो जब घना कुहासा छाने लगेगा तब परेशानी और बढ़ सकती है।
मालूम हो कि दरभंगा से नागरिक हवाई सेवा की शुरुआत आठ नवंबर 2020 को हुई थी। चार साल बीतने के बाद भी एयरपोर्ट पर आईएलएस (इन्स्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) और ग्राउंड लाइटिंग की व्यवस्था नहीं हो सकी है। इससे खराब मौसम में विमानों के परिचालन में बाधा उत्पन्न होती है। जानकार बताते हैं कि एक फ्लाइट रद्द होने पर विमानन कंपनी को 50 लाख रुपए से अधिक का नुकसान होता है।
दरभंगा एयरपोर्ट पर वर्ष 2023 से आईएलएस और ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम लगाने का काम शुरू हुआ था। अप्रैल 2024 में इसके पूरा हो जाने की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक यह काम अधूरा है। ऐसे में दिसंबर और जनवरी में खराब मौसम के दौरान यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एयरपोर्ट डायरेक्टर पार्था साहा ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट पर एयरफोर्स की ओर से आईएलएस व ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम का काम किया जा रहा है। काम कब तक पूरा होगा, यह हम नहीं बता सकते। वहीं, दरभंगा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि यह काम बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
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