पटना : बिहार में भूमि विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए नीतीश सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया ताकि जमीन का विवाद खत्म हो सके। लेकिन इसी बीच एक खबर निकलकर यह आ रही है कि बिहार के लाखों एकड़ जमीन का खाता और खेसरा नंबर ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लॉक कर दिया है।
ऐसा होने के बाद अब कोई भी उक्त जमीन की खरीद बिक्री नहीं कर सकेगा। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि रिकॉर्ड में उक्त जमीन सरकारी है जिसे बेच दिया गया है और आज उस पर अवैध कब्जा है। ऐसे लाखों एकड़ जमीन का खाता और खेसरा को ही लॉक कर दिया गया है। अब जमीन का डिटेल्स ऑनलाइन नहीं देखा जा सकेगा बिना ऑनलाइन के जमीन कोई खरीदना भी नहीं चाहेगा। इस तरह के जमीन को ना तो खरीद सकेंगे और ना ही बेच सकेंगे।
इस संबंध में राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि खाता और खेसरा लॉक करने की कार्रवाई का भूमि सर्वेक्षण से कोई संबंध नहीं है। खाता और खेसरा सिर्फ वैसे जमीन का बंद किया गया है जो पहले के सर्वे में सरकारी जमीन थी लेकिन धोखाधड़ी से यह सरकारी जमीन दूसरे व्यक्ति को बेच दी गयी है। आज सरकारी जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। ऐसे लोगों से जमीन का कागज प्रस्तुत करने को कहा गया है।जमीन का मालिकाना हक पेश करने के लिए समय भी दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी जमीन का खाता-खेसरा गलती से लॉक हो गया हो तो जमीन से जुड़े कागजात दिखाने के बाद लॉक खोल दिया जाएगा जिसके बाद वो अपनी जमीन की खरीद बिक्री कर पाएंगे।
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