पटना : क्या बिहार के अंदर शिक्षक बहाली को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग के तरफ से दुसरे फेज जो परीक्षा ली गई थी उसका पेपर लिक था? यह बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसको लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है और इसके बाद एक बार फिर से बिहार लोक सेवा आयोग पर सवाल उठना तय है। ऐसी चर्चा है कि इस पुरे मामले में तीन कोचिंग के संचालक भी शामिल है।
जानकारी के मुताबिक टीआरई-2 का प्रश्नपत्र विभिन्न जिलों तक ढोने वाली गाड़ियों में एक पिकअप का चालक भोजपुर का शिवकांत सिंह था। दिसंबर में परीक्षा से पहले शिवकांत और राहुल टीआरई-2 का प्रश्नपत्र लेकर पटना से मोतिहारी के लिए निकला। शिवकांत ने बताया कि सराय टोल टैक्स पहुंचने पर राहुल ने गाड़ी रुकवा दी। वहां बिहार सरकार लिखी हुई स्कार्पियो और एक एल्ट्रोज कार आई। उससे 6-7 लोग उतरे। फिर पिकअप से प्रश्नपत्र वाला एक बॉक्स उतारकर स्कार्पियो में रखा गया। सुमित पिकअप में बैठ गया। स्कार्पियो व एल्ट्रोज लगी हुई थी। इसके बाद राहुल पिकअप से निकल गया पेपर बॉक्स पिकअप में वापस रख दिया इसके बाद शिवकांत और सुमित पेपर लेकर मुजफ्फरपुर से मोतिहारी डीएम ऑफिस के लिए निकल गए।
शिवाकांत ने पुलिस से कहा कि मुझे पेपर लिक करवाने के लिए राहुल ने ₹5000 दिया था। वही रामनिवास चौधरी के अनुसार 2023 के दिसंबर महीने में परीक्षा से पहले टीआरई- 2 का प्रश्न पत्र ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक कराया गया था। इसके बदले राहुल ने उन्हें गाड़ी के भाड़ा के अलावा ₹8000 भी दिए थे। इसी तरह का काम तीसरे फेज की परीक्षा में भी हुई। गौरतलब है कि टीआरई-2 की परीक्षा दिसंबर तक हुई थी। करीब 1.22 लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे। इधर, ईओयू को टीआरई-3 पेपर लीक में पटना के तीन कोचिंग संचालकों की तलाश है। इन कोचिंग संस्थानों में प्रश्नपत्र सॉल्व कराए गए थे। संजीव मुखियाऔर उसके गिरोह ने इन कोचिंग संस्थानों को पेपर उपलब्ध कराया और कैंडिडेट्स भी भेजे। संजीव मुखिया पर आय से अधिक संपत्ति का केस भी दर्ज हो चूका है।
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