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इस वर्ष कब हैं देव दीपावली? जानिए डेट, पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त

कार्तिक महीना भगवान विष्णु को काफी प्रिय माना जाता है। ऐसे में जो लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व दान करते हैं, उसे पूरे महीने की गई पूजा के बराबर पुण्य मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इसके बाद देवताओं ने प्रसन्न होकर काशी में सैकड़ों दीए जलाए थे। तभी से इसे देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है।

इस बार कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर, शुक्रवार को है। प्रदोष काल देव दिवाली मुहूर्त – 05:10 पी एम से 07:47 पी एम। अवधि – 02 घण्टे 37 मिनट्स।

पूजा-विधि:

  • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।
  • नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है।
  • इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।
  • भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
  • चंद्रोदय होनेके बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
  • इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
  • अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

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