पटना : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह नीतीश कुमार की नासमझी दिखाई देती है, जब वह कहते हैं कि बिहार में कहीं कुछ बचा ही नहीं है। सिर्फ आलू और लालू बचा है, बाकी सब झारखंड में चला गया है।
पीके ने कहा कि उन्हें कोई बताए कि चीनी मील लगाने के लिए किसी खनिज की जरूरत नहीं है, गन्ने के खेत तो बिहार में ही है वह तो झारखंड में नहीं गए, फिर भी यहाँ की चीनी मीलें बंद क्यों पड़ी है. उन्होंने यह भी कहा कि जब नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार इसलिए पिछड़ा है, क्योंकि यहाँ पर समंदर नहीं है, तो वह बताए की तेलंगाना, हरियाणा जो विकास दर में बिहार से आगे कैसे है? उनके राज्य में कौन सा समंदर है?
जन सुराज के संस्थापक ने नीतीश कुमार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विशेष राज्य के दर्जे से केवल यह फायदा होगा की केंद्र की योजनाओं में केंद्र का हिस्सा 60 प्रतिशत से बढ़कर 90 हो जाएगा. लेकिन आपको यह मालुम होना चाहिए की पिछले वर्ष बिहार सरकार ने 51 हजार करोड़ रूपए सरेंडर कर दिए क्योंकि यहां की सरकार खर्च ही नहीं कर पाई. उन्होंने मनरेगा योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि बिहार को मनरेगा में 10 हजार करोड़ मिलना था तो सिर्फ 39 प्रतिशत ही आया। पीएम आवास योजना में यदि बिहार में 1 लाख घर बन सकते थे, तो मात्र 20 हजार ही बिहार सरकार ने बनवाए।
पीके ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे से ज्यादा महत्व इस बात का है कि बिहार सरकार जो पैसा अभी मिल रहा है, उसका पहले सही ढंग से बिहार के विकास के लिए उपयोग करे। यदि विशेष राज्य का दर्जा मिल भी जाएगा तो आज की व्यवस्था में केवल अफसरों और नेताओं का ही उससे भला होगा, बिहार की जनता का नहीं. इससे पहले प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि आरजेडी ने आपको बीजेपी का डर दिखाकर आपको राजनीतिक बंधुआ मजदूर बना लिया है. उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम समाज में राजनीतिक जागरूकता खत्म हो गई है. उसका सबसे बड़ा कारण आरजेडी है।
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