पटना : बिहार में सरकारी नौकरी की बहाली निकलने वाली है। अब पशु चिकित्सकों की बहाली होगी। उनकी भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से होगी। इसके लिए पशु चिकित्सक नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार दो माह में नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर फाइनल ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा। नियुक्ति नियमावली में संशोधन प्रक्रिया लगभग एक वर्ष से चल रही है। विभाग में फिलहाल 2090 पदों की रिक्ति है। फिलहाल 80 पदों के लिए वैकेंसी निकालने की चर्चा है।
नए प्रावधान के अनुसार पशु चिकित्सा महाविद्यालय से स्नातक डिग्री और इससे अधिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों को पहले लिखित परीक्षा पास करनी होगी। फिर साक्षात्कार के बाद अंतिम रूप से चयन होगा। राज्य तकनीकी सेवा आयोग के माध्यम से पशु चिकित्सकों की बहाली की जाएगी। पहले साक्षात्कार के आधार पर ही नियुक्ति कर ली जाती थी। माना जा रहा है कि संशोधित नियमावली के आधार पर इस साल के अंत तक 800 से अधिक पशु चिकित्सकों की वैकेंसी जारी होगी। अभी राज्य में पशु चिकित्सकों की रिक्ति 2090 है। वहीं कार्यरत पशु चिकित्सकों की संख्या 1250 है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार स्वीकृत पद की तुलना में लगभग 35 से 40 प्रतिशत पशु चिकित्सक कम हैं। संशोधन में ही चिकित्सकों के पद सोपान भी तय किए जा रहे हैं। मूल कोटि में नियुक्ति के बाद 5 वर्ष पूरे होने पर प्रोन्नति मिलेगी। मूल कोटि में प्रोन्नति के बाद पद सोपान घटता जाएगा। यानी मूल कोटि में जितने पद होंगे प्रोन्नति के पद घटते जाएंगे। सरकारी प्रोन्नति फार्मूला के आधार पर ही पशु चिकित्सकों को प्रोन्नति और वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
राज्य में पशु चिकित्सकों पर 3 करोड़ करोड़ से अधिक पशुओं के इलाज की जिम्मेदारी है। 2019 की पशुगणना के आधार पर बिहार में गोवंश की संख्या 1.53 करोड़ हैं। भैंस की संख्या 77 लाख, घोड़े 32, गदहे 11 हजार हैं। वहीं बकरी और बकरों की संख्या एक करोड़ 28 लाख है।
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