पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बिहार की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक से एक कड़क एक्शन ले रहे हैं। लेकिन विभागीय रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि राज्यभर के स्कूलों में नियमित रूप से चल रहे सघन निरीक्षण के बाद भी रोजाना औसतन 300 से अधिक शिक्षक गायब रहते हैं। बिना पूर्व सूचना के स्कूलों से दूर रहने वाले शिक्षकों से संपर्क भी नहीं हो पाता है। पदाधिकारियों द्वारा स्कूल निरीक्षण में यह बात सामने आ रही है। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की संख्या फिर बढ़ गयी है।
शिक्षा विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि नियमित निरीक्षण से स्कूलों से बिना किसी सूचना के रोजना अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की संख्या घटकर एक सौ के आसपास पहुंच गयी थी। विगत कुछ दिनों से इसमें फिर से इजाफा हो गया है। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि नौ अप्रैल को राज्यभर में 372 शिक्षक बिना अनुमति से स्कूल से अनुपस्थित मिले थे। इनमें सबसे अधिक दरभंगा के 23 शिक्षक थे।
पदाधिकारी यह भी बताते हैं कि नयी व्यवस्था के तहत 15 हजार से अधिक स्कूलों में प्रतिदिन दो बार निरीक्षण होता है। भोजनावकाश के पहले और फिर इसके बाद भी। यही कारण है कि स्कूल से अनुपस्थि पाये जाने वाले शिक्षकों के अधिक मामले आ रहे हैं। जिलों को निर्देश है कि बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का उस दिन का वेतन काट लिया जाएगा। इसी क्रम में जुलाई, 2023 से अब-तक 16 हजार से अधिक शिक्षकों के वेतन में कटौती की गयी है।
विभाग के निर्देश पर सभी जिलों में प्रतिदिन 60 हजार स्कूलों में पदाधिकारी और कर्मी जाकर वहां की गतिविधियों की जानकारी लेते हैं। इसके बाद वह लिखित रूप से अपने जिले में रिपोर्ट देते हैं। स्कूलों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन, परिसर और शौचालय की साफ-सफाई तथा शैक्षणिक गतिविधि का जायजा निरीक्षण के दौरान लिया जाता है।
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