मुजफ्फरपुर: कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो गया। घरों से लेकर मंदिरों तक कलश स्थापना व पूजा अर्चना की गई। पहले ही दिन श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला। मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई। रमना स्थित राज-राजेश्वरी मंदिर में सुबह पट खुलने के पहले से ही काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंच गए। अधिक भीड़ होने के कारण श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर माता को प्रसाद और भोग अर्पण किया। मंदिर प्रांगण में बैठकर भक्तों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया।
शाम में महिलाओं ने मंदिर में दीप जलाए। कच्ची सराय स्थित मां बग्लामुखी पीतांबरी सिद्धपीठ मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। सुबह से रात तक मंदिर में पूजन के लिए श्रद्धालु पहुंचते रहे। इधर, गोला दुर्गा स्थान मंदिर में कलश स्थापना के साथ माता की पूजा की गई। मंदिर में नौ दिनों तक विधि-विधान से अलग-अलग तरह से माता को भोग लगा कर पूजा की जाएगी। शाम में मंदिर में सामूहिक रूप से दीप जलाए गए।
ब्रह्मपुरा स्थित बाबा सर्वेश्वरनाथ सह महामाया स्थान एवं खंडेश्वरी दुर्गा मंदिर में विशेष पूजा की गई। मां के जयकारे से वातावरण भक्तिमय बन गया। चैत्र नवरात्र के साथ हिन्दू नववर्ष का पहला दिन होने के चलते कई जगहों पर विभिन्न कार्यक्रम हुए। बाबा गरीबनाथ मंदिर में प्रात: प्रधान पूजा के बाद भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजन व अभिषेक किया। सुबह नौ बजे के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी। इसके बाद सेवा दल के सदस्यों ने कतारबद्ध कराकर श्रद्धालुओं को बाबा का जलाभिषेक कराया। सुबह से रात तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इसके बाद रात में बाबा गरीबनाथ का फूलों से शृंगार कर साज-बाज के साथ सामूहिक आरती की गई। बाबा गरीबनाथ के जयकारे से मंदिर समेत आसपास का पूरा वातावरण गुंजायमान रहा।
आर्य समाज मंदिर का स्थापना दिवस मनाया
घिरनी पोखर स्थित आर्य समाज मंदिर में स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर हवन यज्ञ में आहूतियां प्रदान की गईं। डॉ. महेश चंद्र प्रसाद ने ध्वजारोहण किया।
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