द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, सीबीएसई एक विशेष मार्किंग स्कीम के तहत बारहवीं के बच्चों को पास कर सकती है, साथ ही सीबीएसई छात्रों को उनका प्रदर्शन सुधारने के लिए बाद में परीक्षा देने का विकल्प दे सकती है.
इसका मतलब ये है कि सीबीएसई हो सकता है जुलाई में परीक्षा ही न कराए और छात्रों के आंकलन का कोई और तरीक़ा निकाल ले. परीक्षा परीणामों से अंसतुष्ट रहने वाले छात्र बाद में पेन और पेपर वाली परीक्षा दे सकते हैं.
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