पटना: बिहार के किसान पारंपरिक खेती के बजाय बागवानी पर जोर दे रहे हैं। इसी कारण अब धान-गेंहू के अलावा मखाना, मशरूम, लीची, ड्रैगन फ्रूट्स और केला जैसे फल-फूलों की खेती कर रहे हैं। दरअसल इन उत्पादों से कम समय और कम लागत की बदौलत ज्यादा मुनाफा हो रहा है। इसी क्रम में बिहार की राज्य सरकार भी किसानों की मदद की मदद के लिए सब्सिडी दे रही है।
बिहार के किसान फसल पकने के बाद उसे बेचने के जद्दोजहाद में लग जाते हैं। दरअसल उनके पास फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कोई संसाधन नहीं है। इसके अलावा बिहार में फसलों को स्टोर करने के लिए कोल्ड स्टोरेज बहुत ही कम हैं। जिस कारण बर्बाद होने से बचाने के लिए फसल को दूसरे राज्यों में भेजना पड़ता है। अब किसानों को इस परेशानी से निकालने के लिए राज्य सरकार सीएम बागवानी मिशन योजना के तहत सोलर पैनल माइक्रो कूल चैंबर बनाने के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है।
माइक्रो कूल चैंबर की राज्य सरकार ने इकाई लागत 13 लाख रुपये तय की है। इस तरह सब्सिडी के तौर पर किसानों को 6 लाख 50 हजार रुपये मिलेंगे। सोलर पैनल माइक्रो कूल चैंबर की मदद से फल और सब्जी लंबे समय तक सुरक्षित रखा सकता है। इसके अलावा इसकी गुणवत्ता भी बरकरार रहेगी।
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