हिन्दू धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस साल दिसंबर के महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या के नाम से जाना जाएगा। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन विशेष तौर पर विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन किया गया पूजा-पाठ और व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
पंचांग केअनुसार, मार्गशीर्ष महीने में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत नवम्बर 30 को सुबह 10:29 मिनट ओर होगी। अमावस्या तिथि का समापन दिसम्बर 01 को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 01 दिसम्बर के दिन मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत रखा जाएगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि
- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
- गणेश जी को प्रणाम करें
- विष्णु जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
- अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
- श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें
- पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी की आरती करें
- तुलसी दल सहित भोग लगाएं
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। मार्गशीर्ष की अमावस्या पर दान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा मार्गशीर्ष अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। वहीं, इस दिन गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं।
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