मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर नगर निगम अंग्रेजों के जमाने में बनी इमारत से बाहर निकलेगा। बिहार के दूसरे सबसे बड़े नगर निगम का कामकाज जल्द ही अत्याधुनिक चार मंजिला भवन से संचालित होगा। इस भूकंपरोधी इमारत को 11 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। निगम के इंजीनियरों द्वारा तैयार किए गए नए भवन के डिजाइन को आईआईटी पटना से हरी झंडी मिल गई है। इसके बाद इसे तकनीकी स्वीकृति के लिए नगर विकास व आवास विभाग के पास भेजा गया है। वहां विशेषज्ञों के पैनल द्वारा डिजाइन पास किए जाने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
नगर निगम के अत्याधुनिक कार्यालय के भवन का निर्माण नए बने इंटिग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के पास होगा। इसके निर्माझा के बाद ऐसा पहली बार होगा जब शहर में नगर सरकार का सदन और निगम का प्रशासनिक कार्यालय एक ही इमारत में होगा। चार मंजिला भवन के ग्राउंड फ्लोर पर आम लोगों के कामकाज से सीधे जुड़ी जन्म-मृत्यु शाखा, जल शाखा व अन्य विभागों की शाखाएं होंगी। पहली मंजिल पर मेयर, डिप्टी मेयर के दफ्तर के साथ ही कांफ्रेंस रूम, वार्ड पार्षदों के कक्ष और वेटिंग रूम आदि बनाए जाएंगे। तीसरी मंजिल पर लेखा, नक्शा व अन्य शाखाएं होगी। नए भवन की चौथी मंजिल पर नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, सिटी मैनेजर व अन्य अफसरों के दफ्तर होंगे।
आठ दशक पुराना भवन हुआ जर्जर
मुजफ्फरपुर वर्ष 1864 में नगरपालिका बना। इसे 1982 में नगर निगम में अपग्रेड किया गया। नगर निगम का वर्तमान भवन 1934 में बना था। आठ दशक से अधिक पुराना यह भवन अब बेहद जर्जर हो चुका है। छत में लगे लोहे व सरिया में जंग लग चुकी है। दीवारों व छत से प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है। हर साल इसके मेंटेनेंस पर लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
निगम का नया भवन सभी आधुनिक सुविधाओं वाला होगा। भवन का डिजाइन आईआईटी से पास होने के बाद नगर विकास विभाग को भेजा गया है। तकनीकी स्वीकृति मिलते ही निर्माण को लेकर टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया शुरू होगी।
Be First to Comment