Press "Enter" to skip to content

सम्राट चौधरी ने RJD-JDU का झगड़ा खत्म करा दिया, BJP अध्यक्ष के खिलाफ सरकार की सुर में बोले सुनील सिंह

एक हफ्ते से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनकी सरकार, उनके अफसर और उनकी पार्टी जेडीयू के नेताओं पर आग उगल रहे पूर्व सीएम राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई और आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह अब विधान परिषद में सरकार की सुर में बोलते नजर आए। विधान परिषद के अंदर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल के खिलाफ एक्शन की मांग को लेकर आरजेडी और जेडीयू सदस्यों ने एक सुर में आवाज उठाई और एक सप्ताह से दोनों दलों के कुछ नेताओं के बीच चल रहा बयानी झगड़ा खत्म होता नजर आया। सुनील सिंह को सोमवार को पहले महागठबंधन विधायक दल की बैठक में नीतीश से और बाद में आरजेडी विधायक दल की मीटिंग में लालू यादव से काफी डांट-फटकार मिल चुकी है। तब से सुनील सिंह की बयानबाजी बंद है।

सम्राट चौधरी ने RJD-JDU का झगड़ा खत्म करा दिया, BJP अध्यक्ष के खिलाफ सरकार की सुर में बोले सुनील सिंह

बिहार विधान परिषद में भाजपा सदस्यों ने मंगलवार को वेल में आकर जमकर नारेबाजी की। राज्य सरकार हाय-हाय, लाठी-गोली की सरकार नही चलेगी, शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दो जैसे नारे लगाए गए।
नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही जारी रही। दूसरी तरफ महागठबंधन दलों के सदस्यों ने सदन में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने और कार्रवाई की मांग की। आरजेडी और जेडीयू के नोताओं ने सम्राट चौधरी पर गुंडागर्दी और हिटलरशाही जैसे असंसदीय शब्द बोलने का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की। जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने सदन में निंदा प्रस्ताव पेश किया।

आरजेडी नेता और कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के अलावा जेडीयू विधान पार्षद नीरज कुमार और आरजेडी के एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने भी सम्राट चौधरी पर कार्रवाई की मांग की। भोजनावकाश के बाद परिषद में शोर- शराबे के बीच सदन की कार्यवाही 12 मिनट तक ही चली। सभापति ने फिर कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया। दो दिन पहले तक आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह नीतीश सरकार को लेकर ऐसी बातें कर रहे थे जिससे लग रहा था कि आरजेडी और जेडीयू के संबंध खराब हो रहे हैं।

तेजस्वी यादव पर नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीाई की चार्जशीट के मद्देनजर अटकल तो नीतीश कुमार के फिर से बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर एनडीए में लौटने की भी उड़ने लगी। लेकिन सोमवार को नीतीश ने ही इन चर्चाओं पर ब्रेक लगाया। पहले तो विधानसभा में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को अपनी कार से लेकर गए। बाद में महागठबंधन, आरजेडी और जेडीयू विधायक दल की अलग-अलग तीन बैठकों में दोनों पार्टियों के नेताओं को प्रवक्ता का काम प्रवक्ताओं पर छोड़ देने की नसीहत दी गई।

नीतीश ने महागठबंधन की मीटिंग में सुनील सिंह और कांग्रेस नेता अजीत शर्मा पर बीजेपी के संपर्क में होने का आरोप लगाया था। सुनील सिंह की अमित शाह के साथ फोटो पर भी नीतीश ने सवाल उठाए थे। इस पर सुनील सिंह ने मीटिंग में ही अपनी 27 साल की सहकारिता क्षेत्र की राजनीति का जिक्र करते हुए जवाब दिया था कि सहकारिता मंत्री के साथ विभागीय कार्यक्रम में फोटो खिंचवाने में क्या दिक्कत है। चर्चा है कि सुनील सिंह सारण लोकसभा सीट से लड़ना चाहते हैं और आरजेडी से टिकट मिलने की संभावना कम है इसलिए वो बीजेपी में भी हाथ-पांव चला रहे हैं।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *