पटना: बिहार में थाना भवन बनाने में कई स्थानों पर जमीन की समस्या बड़ी बाधा बनकर सामने आ रही है। थाना भवन के लिए किसी जिले ने नहर की स्लूईस गेट की तली में तो किसी ने नदी के मुहाने में जमीन दे दी है। इन स्थानों पर थाना भवन बनना असंभव है। बिना स्थल का समुचित निरीक्षण किए सिर्फ कागज पर जमीन का चयन कर इसे तैयार करने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेज दिया जाता है। जब बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड ने जिलों से प्राप्त जमीन के सभी प्रस्तावों का निरीक्षण कराया तो यह हकीकत सामने आई।
पटना समेत अन्य जिलों से ऐसे करीब 30 प्रस्ताव सामने आए, जिनमें उचित स्थल का चयन नहीं करने के कारण थाना भवन बनाना संभव नहीं। आधी जमीन विवादास्पद होने के कारण इनके मामले कोर्ट में चल रहे हैं। पुलिस निगम ने सभी संबंधित जिलों को ऐसे प्रस्ताव वापस कर दिए हैं और फिर से उचित स्थल चयन कर भेजने का निर्देश दिया है। थानों के लिए चुने गए स्थल का निरीक्षण कर सभी तरह से इनके उचित पाये जाने पर ही इनका प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट में विवादित जमीन दे दी
पटना जिला के शाहजहांपुर में थाना भवन बनाने के लिए जिलास्तरीय कमेटी ने बिना स्थल जांच किए यहां सिंचाई महकमा की जमीन दे दी, लेकिन यह जमीन यहां के नहर पर बनी स्लूईस गेट के क्षेत्र में आती है। इस जमीन पर थाना बनना संभव नहीं है। इसी जिले में जानीपुर के आगे पीपरा थाना के लिए ऐसी जमीन दे दी गई, जिस पर पहले से अतिक्रमण है। इस विवादित जमीन का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। शेखपुरा के हथियावां थाने के लिए जो जमीन दी गई है, वह यहां से गुजरने वाली टाटी नदी के क्षेत्र में मौजूद है। नदी में थाना का निर्माण होना संभव नहीं है।
जमीन नहीं पर आवंटित कर दिया प्लॉट नंबर
बांका के शंभुगंज, पंजवारा और जमदाह थानों के लिए आवंटित की गई जमीन पहले से विवादास्पद है। कोर्ट में इनकी सुनवाई चल रही है। इस कारण इन पर निर्माण नहीं कराया जा सकता है। लखीसराय के पीपरिया थाना, गोपालगंज के विशंभरपुर थाना के लिए भी जिस जमीन का प्रस्ताव भेजा गया है, उस पर भी विवाद है।
वैशाली के चांदपुरा थाना के लिए जिस जमीन का प्रस्ताव भेजा गया है, वह जमीन सड़क चौड़ीकरण में चली गई। वहां कोई जमीन ही नहीं है। इससे पता चलता है कि जमीन की भी सही से जांच नहीं की गई थी।
कमेटी को भेजना है प्रस्ताव
थाना निर्माण के लिए उचित जमीन का चयन कर इसका प्रस्ताव तैयार करने के लिए सभी जिलों में एक जिलास्तरीय स्थल चयन समिति बनी है। सभी जिलों के डीएम की अध्यक्षता में गठित इस समिति में एसपी, सिविल सर्जन, सदर डीएसपी समेत अन्य विभागों के अधिकारी सदस्य होते हैं। स्थल चयन करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम रूप से तैयार कर मुख्यालय को भेजना है। स्थल निरीक्षण नहीं कर यह समिति कागज पर प्रस्ताव की अनुमति दे देती है, जिससे इस तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। इससे थाना निर्माण से संबंधित प्रोजेक्ट में देरी हो रही है।
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