पटना: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। एक तरफ विपक्ष बीजेपी का सफाया करने की बात रही है, तो वहीं बीजेपी प्रचंड जीत का दावा कर रही है। पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम का कोई असर बिहार में नहीं पड़ेगा। देश की जागरूक जनता विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में अलग-अलग तरह से मतदान करती है। इसलिए 2018 में राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को वोट देने वालों ने भी 2019 के संसदीय चुनाव में बीजेपी का समर्थन किया था।
यही नहीं सुशील मोदी ने ट्वीट कर इस बात भी दावा किया कि 2024 में राजद-जदयू के मतदाता भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए बिहार में एकजुट होकर वोट देंगे। नीतीश कुमार का जनाधार खिसक चुका है। पिछले साल विधानसभा के तीन उपचुनावों ने जदयू को उसकी हैसियत बता दी। सात दल मिलकर भी कुढ़नी और गोपालगंज में भाजपा को नहीं हरा पाए थे। इनमें से जो एक दल कर्नाटक में सरकार बनाने जा रहा है। उसकी बिहार में कोई बिसात नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद विपक्ष को नई ऊर्जा मिल गई है। बिहार में राजद-जदयू ने जीत का जश्न मनाया, वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी ने तो बीजेपी के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा अब देश में बची कहां है, काहे की राष्ट्रीय पार्टी… जनता सब देख रही है, बिहार ने जब से बीजेपी को सत्ता से भगाया है तब से राज्य दर राज्य इनका पूरे देश से सफ़ाया हो रहा है। अभी आगे आगे देखिए क्या क्या होता है, कर्नाटक की जनता को बधाई।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह पार्टी महासचिव राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी अब झूठे भाषण देने की बजाय लोगों की भलाई के लिए काम करे और अपने वादे पूरे करे। उन्होने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी की हार विपक्षी एकता की बड़ी शुरुआत है और आने वाले दिनों में विपक्षी पार्टियों की एकजुटता और मजबूत होगी।
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