बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पद और मंत्रालय तो मिल गया है। लेकिन, अभी तक उनको सरकारी बंगला नहीं आवंटित किया गया। इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद अभी भी इस बंगले को खाली नहीं किए हैं।
यही हाल बिहार में भाजपा – जदयू शाशनकाल में बने एक और पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का भी है, साथ ही विजय कुमार सिन्हा का भी मामला एक ही जैसा है। जिसके बाद अब बिहार सरकार द्वारा इन लोगों को एक नोटिस भेजा गया है साथ ही इनलोगों पर जुर्माना भी लगाया गया है। जिसके बाद इस पुरे मामले को लेकर रेणु देवी का प्रतिकिरिया सामने आया है।
बिहार की पूर्व उपमुख्यमंत्री रही रेणु देवी ने कहा कि हमारे पास जो नोटिस आया है उसमें 30 गुना से अधिक जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 2 लाख 36 हजार का जुर्माना लगाया गया है। जिसके जवाब में हमने लिखा है कि हमरे लिए जो तय जगह है उसे मरम्मत करवा कर उपलब्ध करवा दिया जाए तो हम वहां चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि,आखिरकार हम जुर्माना किस चीज़ का दें जब हमारी कोई भी गलती नहीं है तो।
इसके आगे रेणु देवी ने बिहार सरकार पर आरो’प लगाते हुए कहा कि, बिहार सरकार भाजपा नेताओं के साथ साजिश कर रही है। जदयू और महागठबंधन के कई ऐसे नेता हैं जो गैरकानूनी तरीके से बंगला पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं, लेकिन यह सरकार उनको कोई नोटिस नहीं देती है। उन्होंने कहा कि मैं महिला और अतिपिछड़ा समाज से आती हूं, इसलिए ये लोग मुझे परेशान कर रहे हैं। लेकिन, इनको समझना चाहिए की मैं कमजोर नहीं हूं, बल्कि ताकतवर हूं।
रेणु देवी ने कहा कि, मेरा सवाल भवन निर्माण विभाग के मंत्री से हैं कि मुझे जो आवास दिया गया वो खाली नहीं था तो मैं अपने पुराने आवास को कैसे खाली करती और जब मेरी कोई गलती ही नहीं है तो फिर यह जुर्माना किस कारण लगाया जा रहा है, यह समझ से पड़ें हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह कोई बड़ी साजिश है तो फिर मैं मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करवा सकती हूं। जब वो घर ही नहीं देंगे तो पैसा क्यों लेंगे।
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