बिहार में लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद भी बिहार में सभी सेवाएं तुरंत शुरू होने की उम्मीद फिलहाल नहीं है। राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर काम कर रही है कि लॉकडाउन अगर खत्म होता है तो यहां चरणबद्ध तरीके से ही सेवाएं शुरू की जाएं। प्रधानमंत्री के साथ 27 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली बैठक में इस पर विमर्श हो सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित करने के पहले ही राज्य सरकार ने बिहार में लॉकडाउन लागू किया था। इस क्रम में सिनेमा हॉल, मॉल, बड़े शॉपिंग सेंटर, पार्क, स्कूल व अन्य सार्वजनिक स्थलों को बंद किया गया था। राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर मंथन कर रही है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद अचानक इन सबको नहीं खोला जाए। अगर इन सभी को एक साथ खोल दिया गया तो सड़क पर अचानक भीड़ बढ़ जाएगी। अभी यह मान लेना सही नहीं होगा कि कोरोना वायरस से संक्रमित सभी लोगों का स्कैनिंग हो गयी है।
इस बाबत जल संसाधन मंत्री संजय झा से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी अगले छह माह तक लोगों को कोरोना के पहले वाले समय को भूल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आरटीपीएस कांउटर को नयी व्यवस्था के साथ आरंभ कर सकती है। ऑनलाइन माध्यम से सेवाओं के लिए आवेदन को ज्यादा प्रोत्साहित किया जाएगा। स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था को अधिक से अधिक वर्चुअल क्लास की ओर ले जाने पर विचार चल रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को लेकर बिहार में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। बिहार में रा मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इस तरह बिहार में 23 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जबकि पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ था। लॉकडाउन को बढ़ाकर अब तीन मई तक किया गया है।
Source: Jagran
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