बिहार के मुख्यमंत्री अपने मिशन-2024 के लिए इन दिनों दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। अपने इस दौरे में वह विपक्षी एकता बनाने की कोशिश करते दिखे रहे हैं। सोमवार को उन्होंने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से मिले थे। वहीं, आज उनकी मुलाकात सीपीआई (एम) नेता सीतारमा येचुरी से हुई है। उनसे मिलने नीतीश कुमार लेफ्ट पार्टी के दफ्तर पहुंचे।
इसके बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम साथ हैं, इसलिए उनसे मिलने यहां आए हैं। आपको बता दें कि रविवार को उन्होंने कहा था कि देश में कांग्रेस और वामदलों से अलग गठबंधन का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, ”हमने चर्चा की है कि अगर वाम दल, विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय दल और कांग्रेस एक साथ आते हैं तो यह बहुत बड़ी बात होगी।” वहीं, इस मुलाकात के बाद सीताराम येचुरी ने कहा, ‘हम स्वागत करते हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर इस कार्यालय में आए। यह देश की राजनीति के लिए सकारात्मक संकेत है। विपक्षी दलों को मिलकर देश और संविधान को बचाना है।’
जदयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अगले दिन सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम पर पटना से दिल्ली रवाना हुए। जदयू ने उन्हें देशभर में विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए अधिकृत किया है। दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडिया से कहा कि पीएम बनने की मेरी कोई आकांक्षा नहीं है। मैं विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि आज देश में क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की साजिश चल रही है।
अपने अभियान में सोमवार की शाम नीतीश कुमार सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी से मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास 12 तुगलक लेन गए। दोनों के बीच बातचीत करीब 50 मिनट तक चली। राहुल गांधी से विपक्षी दलों को एकजुट करने की रणनीति पर चर्चा हुई। इसके बाद नीतीश कुमार पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के आवास पहुंचे। वहां उनकी कुमार एचडी कुमार स्वामी से बातचीत हुई। कुमार स्वामी ने नीतीश कुमार की विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम की सराहना की। कहा कि आपके आने से एक माहौल बना है। आप आगे बढ़िये हम आपके साथ हैं।
मंगलवार को नीतीश कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीआई महासचिव डी राजा और ओमप्रकाश चौटाला से भी मुलाकात करने की संभावना है। इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा था, ”प्रधानमंत्री पद की हमारी न इच्छा है न आकांक्षा। ना ही इस पद पर कोई दावा है। देश में विपक्ष की एकजुटता का हम प्रयास करेंगे। विपक्ष की एकजुटता देश के लिए अच्छा रहेगा। मैं दिल्ली में वामदलों और अन्य नेताओं से भी मुलाकात करूंगा।”
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