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बड़ी खबर: बिहार में कोरोना जांच में भारी गड़बड़ी, AIIMS बता रहा है पॉजिटिव, RMRI-NMCH उसे ही निगेटिव करार दे रहे हैं

 बिहार में कोरोना की जांच में लगी सरकारी संस्थानों की ही अलग-अलग रिपोर्ट ने भारी भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है. आलम ये है कि AIIMS जिसे कोरोना पॉजिटिव करार दे रहा है, उसे RMRI और NMCH निगेटिव बता रहे हैं. पटना के खाजपुरा की जिस महिला को दो दिन पहले AIIMS ने कोरोना पॉजिटिव बताया था आज उसे RMRI और NMCH दोनों ने निगेटिव बता दिया. ये दूसरा मामला है जब कोरोना की  जांच में सरकारी संस्थानों की अलग अलग रिपोर्ट आयी है. ऐसे में लोगों से लेकर राज्य सरकार मुसीबत में फंसी है.

पॉजिटिव करार दी गयी थी महिला आज निगेटिव पायी गयी
पटना के खाजपुरा इलाके की एक महिला को दो दिन पहले एम्स ने पॉजिटिव करार दिया था. स्वास्थ्य विभाग ने महिला की रिपोर्ट को क्रॉस चेक करने के लिए ब्लड सैंपल को RMRI और NMCH भेजा था. दोनों संस्थानों ने आज महिला को निगेटिव करार दिया. सरकार को दोनों संस्थानों की रिपोर्ट मिल चुकी है. हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

AIIMS की रिपोर्ट के बाद मच गयी थी भारी अफरातफरी
दरअसल पटना के खाजपुरा की रहने वाली महिला 17 अप्रैल को एम्स में भर्ती हुई थी. उसे खांसी-सर्दी थी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. एम्स ने उसे कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया. उसके बाद सरकार से लेकर पटना के बड़े इलाके में दहशत कायम हो गया था. इस महिला या उसके परिजनों का कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं था. मतलब यही निकाला गया कि बिहार में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है. प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर दिया था. वही महिला के तमाम परिजनों को आइशोलेसन में रख दिया गया था. एम्स में भर्ती होने से पहले उस महिला को ESI के अस्पताल में ले जाया गया था. वहां के भी डॉक्टरों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया था. अब रिपोर्ट आयी है कि महिला को कोरोना वायरस ने अपना शिकार नहीं है.

वैशाली के नवल के साथ भी हुआ ऐसा ही वाकया
इससे ठीक पहले वैशाली के नवल राय नामक युवक के साथ भी ऐसा ही हुआ. वैशाली के राघोपुर निवासी नवल किशोर राय की इलाज के दौरान एम्स में मौत हो गयी. मौत के बाद एम्स ने बताया कि नवल राय कोरोना पॉजिटिव था. नवल राय की भी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. लिहाजा सरकार सकते में थी. उसके पूरे गांव को सील करने के साथ ही सारे परिजनों को भी क्वारंटाइन कर दिया गया. नवल राय के अंतिम संस्कार में भी इक्का-दुक्का लोगों को जाने दिया गया और बांस के सहारे शव को मुखाग्नि दी गयी.

नवल राय की मौत के बाद राज्य सरकार ने उसके ब्लड सैंपल को क्रॉस वेरीफिकेशन के लिए सहेज लिया था. मौत के बाद RMRI और NMCH की रिपोर्ट आयी जिसमें बताया गया कि नवल राय कोरोना पॉजिटिव नहीं था.

नवल राय से पहले पटना की एक नर्स पिंकी कुमारी के साथ भी ऐसा ही हुआ था. बिहार में कोरोना के पहले मरीज के इलाज के दौरान पिंकी उसके संपर्क में आयी थी. नर्स पिंकी की पहली रिपोर्ट में उसे पॉजिटिव बताया गया, दो दिन बाद की दूसरी रिपोर्ट में उसे निगेटिव करार दिया गया.

सरकार के सामने बड़ी मुसीबत
दरअसल किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सरकार में हड़कंप मच जा रहा है. सरकार न सिर्फ उस व्यक्ति के सारे परिजनों और संपर्क में आये लोगों की तलाश में लग जा रही है बल्कि उसके पूरे इलाके को सील कर दिया जा रहा है. इसमें पूरा प्रशासनिक तंत्र लग जा रहा है. बाद में उसकी ही रिपोर्ट निगेटिव आने से सरकार हैरान परेशान है. वैशाली के नवल राय के मामले में कोरोना की जांच में विरोधाभासी रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार ने मामले की पड़ताल कराने का फैसला लिया है. राज्य के स्वास्थ्य महकमे के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा है कि सरकार विशेषज्ञों से बात करेगी.

Source: FirstBihar

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