कोरोना महामारी की वजह से पिछले 2 सालों से विश्व प्रसिद्ध श्रवाणी मेला का आयोजन नहीं हो पा रहा था. लेकिन, इस वर्ष एक बार फिर भव्य स्तर से श्रावणी मेला का आयोजन किया जा रहा है, जिसको लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है.
बता दें, सावन में कांवरिया सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर नंगे पांव पैदल यात्रा करते हुए देवघर के बाबा धाम मंदिर में जलार्पण करते हैं. ऐसे में बिहार सरकार और झारखंड सरकार यात्रा के दौरान कांवरियों के लिए सुलभ मार्ग की व्यवस्था करने में जुट गई है.
श्रावणी मेला को लेकर झारखंड बिहार दुम्मा बॉर्डर पर कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. बिहार के कांवरिया पथ पर मखमली बालू (सफेद बालू) बिछा दिया गया है. वहीं देवघर में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कार्य जारी है. इसके साथ-साथ 13 जुलाई को उद्घाटन के लिए एक विशाल पंडाल भी बनाया गया है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन श्रावणी मेला का उद्घाटन करेंगे.
विश्व प्रसिद्ध है देवघर का श्रावणी मेला
बता दें, विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पूरे विश्व भर में सबसे बड़ा मेला माना जाता है. श्रद्धालु 105 किलोमीटर की पांव पैदल यात्रा कर देवघर के बाबा धाम पहुंचते हैं और बाबा को जल अर्पण करते हैं. ऐसे में कांवरिया पथ पर कई शिविर भी लगाए जाते हैं, जिससे कांवरियों को सुविधा प्रदान की जा सके. वहीं झारखंड और बिहार सरकार के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर एंबुलेंस और अस्थाई अस्पताल का भी निर्माण कराया जाता है.
12 को देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन
वहीं इससे पहले देवघर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी 12 जुलाई को देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ देवघर एम्स के 200 बेड के अस्पताल का भी उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाएगा. संथाल परगना के कई जिलों के योजनाओं का भी ऑनलाइन शिलान्यास एयरपोर्ट परिसर से किया जाएगा. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग से देवघर के बैजनाथ धाम मंदिर पहुंचेंगे, जहां वह पूजा-अर्चना करेंगे.
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