प्रदूषण का हवाला देते हुए दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ये आदेश सिर्फ वाणिज्यक वाहनों पर लागू होगा। हालांकि, कच्ची सब्जियां, फल, अनाज, दूध और ऐसी जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
इसे लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) ने बुधवार को दिल्ली सरकार के एक अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक राजधानी में डीजल वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के फैसले को लेकर सभी क्षेत्रों के प्रमुख व्यापारी संगठनों की बैठक बुलायी है।
कैट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सरकार के फैसले से दिल्ली का व्यापार और ट्रांसपोर्ट बुरी तरह प्रभावित होगा। बैठक में इस नर्णिय तथा व्यापार एवं ट्रांसपोर्ट पर इसके विपरीत प्रभावों पर वस्तिार से चर्चा होगी और इस मुद्दे पर व्यापारियों का अगला रूख तय किया जाएगा।
बयान में कहा गया कि एक अक्तूबर से 28 फरवरी के पांच महीने का समय दिल्ली में त्योहार और शादियों का बड़ा सीजन होता है जिसमें व्यापार का प्रतिशत बाकी वर्ष के सभी महीनों से ज्यादा होता है और इन्हीं पाँच महीनों में यह प्रतिबंध व्यापार को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना वास्तव में बेहद जरूरी है लेकिन इसके साथ यह भी देखा जाना चाहिए की सरकार के किसी भी नर्णिय से किसी भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े । उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पांच महीने तक दिल्ली में कोई भी सामान नहीं आ पाएगा क्योंकि दिल्ली में सारा माल अन्य राज्यों से ट्रकों में आता है और ट्रक डीज़ल से चलते हैं। लम्बी दूरी होने के कारण कोई भी ट्रक इलेक्ट्रिक या सीएनजी से नहीं चल सकते। इस दृष्टि से सरकार का यह निर्णय सही नहीं है और परिणामों को सोचे समझे बिना इस फैसले को लिया गया है।
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