मुजफ्फरपुर : देवरिया थाने के डुमरी परमानंदपुर गांव में शनिवार रात घरेलू विवा’द में एक महिला ने खाने में ज’हर मिला दिया। ज’हर मिला खाना अपने ससुर, सास व देवर के पुत्र को खिलाकर खुद भी खा लिया।
खाने के साथ ही सबकी तबी’यत बिग’ड़ने लगी। इलाज के दौरान महिला की मौ’त हो गई, जबकि बुजुर्ग दंपती व उसके पोते की हा’लत ख’तरे से बाहर बताई जा रही हैं। मृ’तका की पहचान रानी देवी (40) के रूप में हुई है। साथ ही, ज’हर खाने से कपिलदेव राम, उर्मिला देवी व ढाई वर्ष के आयुष की तबी’यत बि’गड़ी थी।बताया गया कि ज’हर खाने के बाद सभी छटप’टाने लगे। इसके बाद पड़ोसी व ग्रामीण जुटे और दो बुजुर्ग व बच्चे को स्थानीय निजी क्लीनिक में भ’र्ती कराया। वहीं महिला की स्थिति गं’भीर देख सरपंच ने पुलिस को सूचना दी।मौके पर पहुंची पुलिस ने रानी देवी को उठाकर पारू पीएचसी में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान उसने द’म तो’ड़ दिया। वहां से पुलिस ने उसके श’व को एसकेए’मसीएम में पोस्ट’मार्टम के लिए भेज दिया हैं। ससुर ने बताया कि तीन बहू में सबसे बड़ी रानी देवी थी। सभी का परिवार अलग-अलग है। बड़ी बहू के साथ ही बुजुर्ग दंपती रहते हैं। पुत्र संजय राम तमिलनाडु में मजदूरी करता है। घरेलू बातों को लेकर संजय व रानी में विवा’द था। ससुर ने बताया कि शनिवार शाम बाजार से वह चिकन लाया और बहू को बनाने के लिए दे दिया। रात में चिकन खाने के वक्त दूसरे बेटे का एक पुत्र भी उसके पास आ गया। उसे भी अपने साथ खाना खिला दिया। उसकी पत्नी भी खाना खाई। सबसे अंत में उसकी बहू ने खाना खाया। खाना खाने के बाद सभी को बेचै’नी होने लगी। इसके बाद खाने में कीट’नाशक डालने की बात रानी ने सबको बतायी। रानी की तबी’यत अधिक ख’राब थी। दोपहर बाद पोस्ट’मार्टम से श’व आने के बाद महिला का दा’ह संस्का’र कर दिया गया।
थानेदार ने बताया कि ज’हर खाने की सूचना पर पुलिस ने महिला को अस्पताल पहुंचाया था। मौ’त के बाद श’व का पोस्टमा’र्टम कराया गया है। परिजन की ओर से आवेदन मिलने व पोस्टमा’र्टम रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा।ख़बरों के मुताबिक, मृ’तका रानी देवी को दो पुत्र है। रानी चिकन बनाने के बाद सबको खाने के लिए बोली। लेकिन जब उसके दोनों बच्चे ने चिकन मांगा तो उन्हें नहीं दिया। दोनों भाई को तीन-तीन रुपये देकर बोली कि बिस्कुट खरीद कर खा लो। यह भी कहा कि दादा-दादी खाने के लिए बोले तो चिकन नहीं खाना। ससुर ने बताया कि मजदूरी से परिवार का भरण-पोषण होता है। बुजुर्ग दंपति के तीनों पुत्र दूसरे राज्य में मजदूरी करते हैं।
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