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चीन में बंद हुए 2 करोड़ मोबाइल फोन, मौतों का असली आंकड़ा उड़ा देगा होश

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया खौफ में है। कई देशों में पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। कोरोना से अब तक दुनिया में 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस से पूरी दुनिया में 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। कोरोना से मृतकोंऔर संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हर दिन हजारों मौतें हो रही है और लाखों लोग इस वायरस के चपेट में आ रहे हैं। यह वायरस सबसे पहले चीन में फैला और इसने वहां 81,439 लोगों को संक्रमित किया। जिसमें से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

वहीं इटली और स्पेन में मौत का आंकड़ा चीन से कहीं ज्यादा है। ऐसे में दुनिया को चीन द्वारा बताए गए आंकड़ों पर शक है। चीन पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों और इससे हुई मौत के असली आंकड़ों को छिपाने के भी आरोप लग रहे हैं। ऐसे मे सवाल यह है कि क्या चीन दुनिया से असली आंकड़े छिपा रहा है? चीन पर शक करने की कई वजह भी है।

मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबकि कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। यह वायरस सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों के लिए है जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्ति हैं। इटली में 92 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जबकि 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में चीन से तीन गुना ज्यादा मौतें हुई हैं। वहीं अमेरिका में संक्रमितों की संख्या एक लाख से अधिक हो चुकी है और दो हजार की जान जा चुकी है। अमेरिका में चीन की तुलना में काफी देर से वायरस का संक्रमण फैला है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में अस्थि कलश की मांग बढ़ी है जिसके आधार पर मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। चीन की स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा गया है कि बहुत बड़ी संख्या में लोग शवदाह गृहों में राख लेने के लिए पहुंच रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के केंद्र वुहान के शवदाह गृह में पिछले दो दिनों में पांच हजार अस्थि कलश मंगवाए गए हैं। इससे सवाल उठ रहे हैं कि यदि 3300 लोगों की जान गई है तो पांच हजार अस्थि कलश क्यों मंगवाए गए है?

चीन में पिछले कुछ महीनों में दो करोड़ मोबाइल यूजर्स के फोन डिएक्टिवेट हो गए हैं और इसकी पुष्टि चीन की मोबाइल कंपनियों ने भी की है। चीन में पहली बार ऐसा हुआ है कि इतनी संख्या में यूजर्स की संख्या में कमी आई हो। सवाल उठता है कि वे कौन लोग हैं और उनके फोन क्यों बंद हुए हैं? इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण जो प्रवासी मजदूर शहरों को छोड़कर गांव चले गए, उन्होंने अपने शहर वाले नंबर्स का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। वहीं चीन में अब कंपनियों में काम शुरू हो गया है। ऐसे में यदि इस तर्क के पीछे सच्चाई है तो ये फोन दोबारा चालू हो जाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो दाल में कुछ काला होने की संभावना पैदा होना स्वाभाविक है।

चीन में मीडिया पर सरकार का नियंत्रण है। यहां सिर्फ उन्हीं खबरों को दिखाई या छापी जाती है जिसकी इजाजत यहां की सरकार देती है। इसलिए भी चीन की आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं। पहले खबर आई की चीन में शुरुआत में कोरोना वायरस की खबरों को दबाने की पूरी कोशिश की। इतना ही नहीं उसने उन डॉक्टरों को प्रताड़ित किया जिन्होंने सबसे पहले इसकी पहचान की और सरकार को सतर्क करने की कोशिश की। वायरस की उत्पत्ति को लेकर भी सवाल उठे।

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