कोरोना वायरस को लेकर ट्रेनों में यात्रा कर रहे यात्रियों की संख्या में भारी कमी हुई है। रिजर्व किए गए टिकट को भी लोग अब कैंसिल करवा रहे हैं। इस कारण पूमरे में रोजाना पांच लाख रुपये का झटका लग रहा है। पिछले 15 दिन के कैंसिल टिकटों के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 74 लाख रुपए का टिकट रिफंड करवाया जा चुका है। इसके कारण रेलवे की आमदनी में भी कमी आई है। सामान्य बोगियों के यात्रियों के यात्रा में भी कमी आई है।
इस संबंध में पूर्म मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और संक्रमण से बचने के लिए लोग यात्राओं से परहेज कर रहे हैं। इसी कारण पिछले साल की तुलना में इस बार यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। सीपीआरओ ने बताया कि पिछले साल एक मार्च से 15 मार्च तक रिजर्व श्रेणी में कुल 11 लाख 82 हजार यात्रियों ने यात्रा की थी, जबकि इस साल एक मार्च से 15 मार्च तक का ये आंकड़ा घटकर नौ लाख 91 हजार हो गया। इसके अनुसार पिछले साल की तुलना में इन 15 दिनों में यात्रियों की संख्या में एक लाख 91 हजार की कमी आई है। इसी तरह अनारक्षित श्रेणी में पिछले साल एक से 15 मार्च तक 99 लाख यात्रियों ने रेल सफर किया था, लेकिन इस साल यह आंकड़ा घटकर 87.84 लाख हो गया है।
रेल यात्रियों की यात्रा कम करने के कारण पूमरे की आय भी कम हुई है। पिछले साल एक मार्च से 15 मार्च तक के समय में आरक्षित श्रेणी में 68.20 करोड़ रुपए के टिकट की बिक्री हुई थी, लेकिन इस साल यह कम होकर 59.54 करोड़ रुपये मूल्य के टिकट की बिक्री हुई है। इस तरह से पिछले साल की तुलना में 08.66 करोड़ रुपये की कमी हुई है। वहीं अनारक्षित श्रेणी में पिछले साल एक मार्च से 15 मार्च तक 45.41 करोड़ के टिकट बिके थे, जबकि इस साल 44.55 करोड़ के टिकट बिके हैं। सीपीआरओ ने बातचीत के दौरान बताया कि पिछले साल मार्च के पहले 15 दिनों में 01.85 करोड़ रुपये के टिकट रिफंड हुए थे, जबकि इसी समय में इस साल 02.59 करोड़ रुपये के टिकट रिफंड हुए हैं। इस तरह से इन 15 दिनों में औसतन पांच लाख रुपये के टिकट हर दिन रिफंड हुए हैं।
Source: hindustan
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