बिहार में अब तक कोरोनावायरस के संदिग्ध 28 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है. सभी की प्रतिदिन जांच की जा रही है. इंटीग्रेड डिजीज सर्विलांस प्रोजेक्ट (आईडीएसपी) के स्टेट सर्विलांस अधिकारी डॉ. रागिनी मिश्रा ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि राज्य में अभी तक चीन से आए 28 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है, जिनकी प्रतिदिन जांच कराई जा रही है.
उन्होंने कहा कि आज (शुक्रवार को) कोलकाता से मिली जानकारी के मुताबिक, गया में चार, पूर्वी चंपारण में एक और वैशाली में एक यात्री के पहुंचने की सूचना आई है, जिसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, “अभी तक आशंका वाले छह मरीजों के रक्त नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिसमें से चार की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि दो की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है. सभी संदिग्ध मरीजों को 28 दिनों तक सर्विलांस पर रखा जा रहा है.”
डॉ. मिश्रा ने बताया कि फिलहाल बिहार में कोरोना को लेकर अब तक कहीं से कोई ‘पॉजिटिव केस’ नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि गया और पटना हवाईअड्डे पर जांच कैंप बनाए गए हैं. नेपाल से लगती बिहार सीमा के सात जिलों में 98 कैंप लगाए गए हैं, जहां आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. इन जिलों में सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, किशनगंज, अररिया, सुपौल व मधुबनी शामिल हैं.
इस बीच संदिग्ध मरीज को स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन की सुविधा दे रही है. विभाग द्वारा विषम परिस्थिति में ही संदिग्ध मरीजों को अस्पतालों में रखकर इलाज करने का निर्देश दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग कोरोनावायरस को लेकर लगातार संदिग्ध मरीजों पर नजर रख रहा है. राज्य में सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके लिए अलर्ट किया जा चुका है. सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जहां कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों को रखने व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
(इस खबर को मुजफ्फरपुर न्यूज़ टीम ने संपादित नहीं किया है. यह zee Bihar Jharkhand फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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