मुज़फ़्फ़रपुर (अरूण कुमार) कोरोना महामारी को पस्त करने के लिए जागरूक वासियों ने फिर से एक बार कमर कस ली है. इस बार टीके के लिए जागरूकता पैदा करने और लोगों को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिला प्रशासन के साथ–साथ स्वास्थ्य विभागऔर मुजफ्फरपुर नगर निगम भी कोरोना को होम करने के इस यज्ञ में अपने–अपने स्तर पर आहुति दे रहे हैं. कोरोना वारियर्स औरफ्रंट लाइन वर्कर के साथ ही जागरूक शहरवासियों ने भी अनूठी पहल के जरिए वायरस को हराने की ठानी है.
इसी कड़ी में कोरोना महामारी के मद्देनजर मुजफ्फरपुर के एक दंपत्ति ने अपनी पुत्री के विवाह के सादे समारोह में शामिल होने केलिए एक अनूठी मांग राखी है. हालाँकि दंपत्ति के इस अनोखे फैसले पर एक बड़ा तबका इसे सराहनीय पहल बता इस फैसले कास्वागत कर रहा है तो वहीं कई लोग इसे अहंकार भरा निर्णय बता रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं शहर के कालीबाड़ी रोड निवासी आचार्य श्री अमित कुमार झा और उनकी पत्नी की. कोरोना वायरस को लेकरकेंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए इस दंपत्ति ने अपनी पुत्री के विवाहोत्सव के पावन अवसर केपूर्व एक अहम् फैसला लिया है. उन्होंने कोरोना वैक्सीन के दो डोज़ ले चुके परिचितों और इष्ट–मित्रों को ही विवाह–समारोह मेंशामिल होने की अपील की है.
आचार्य श्री अमित कुमार झा और उनकी पत्नी का कहना है की जान है तो जहान है. हमारे इस फैसले से निःस्सन्देह ही हमें कईपरिचितों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है, पर सकारात्मक विचारधारा रखने वाले व्यक्ति ऐसी पहल कैसी परिस्थितियों में ली गईहै वह भली–भांति समझ सकते हैं.
आचार्य श्री झा और उनके परिवार वालों का मानना है की समाज के लोग उनके इस हिम्मत भरे फैसले में उनका साथ देगा औरमहामारी के इस दौर में उनके इस हिम्मत भरे फैसले से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी.
वहीं शादी के बंधन में बंधने और एक नए जीवन की शुरुआत करने जा रही श्री झा की पुत्री ने भी अपने माता–पिता के इस फैसले परअपनी मुहर लगाते हुए कहा कि इस बात का तो मलाल रहेगा कि शादी में उसकी कई सहेलिया, कॉलेज की दोस्त इस यादगार पलकी साक्षी नहीं बन पाएंगी, पर एक ओर इस बात की ख़ुशी भी होगी की इस महामारी के दौर में लोगों को संक्रमण से बचाव हेतुज्यादा भीड़ इकट्ठी नहीं होने पाए.
Be First to Comment