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होली खेलें लेकिन सावधानी भी है जरूरी, जानिए क्‍या करें जब आंखों में पड़ जाए रंग-गुलाल

होली के घातक रंगों से एलर्जी, स्थायी अंधापन, दृष्टिदोष, आंखों की रोशनी प्रभावित होना, आंखें लाल होना, सूजन आदि हो सकती है। रंग-गुलाल में मिले कांच के चूरे, अभ्रक व पत्थर के महीन कण रेटिना व कार्निया के लिए हानिकारक होते हैं। नेत्र जैसे कोमल अंग पर घातक रंगों के दुष्प्रभाव के इलाज में थोड़ी सी लापरवाही घातक हो सकती है। इसलिए होली खेलें, लेकिन सतर्कता से। अपनी आंखों की हिफाजत करें। पटना के नेत्ररोग विशेषज्ञ सह सर्जन डॉ. सुनील कुमार सिंह कहते हैं कि पहले तो चेहरे पर रंग लगवाएं नहीं, तिलक होली खेलें, फिर भी कोई लगाए तो आंखें भींच कर उनमें रंग, अबीर या गुलाल कतई नहीं जानें दें।

डॉ. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कुछ रंगों के संपर्क में आने से आंखों में जलन होने लगती है और वे लाल हो जाती हैं। आंखों में रंग, अबीर या गुलाल जाने पर उन्हें रगड़े नहीं। इससे खरोंच आने से समस्या और जटिल हो सकती है। ठंडे पानी से धोने पर भी आराम न मिले तो आइड्रॉप अथवा गुलाब जल डालें। दो चार दिन में समस्या ठीक न हो तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

दृष्टि की स्पष्टता में कमी आने पर डॉक्टर से मिलें

आंखों में किसी प्रकार की समस्या होने पर यह देखें कि आप की दृष्टि की स्पष्टता में तो कोई कमी नहीं आई है। यदि आई हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। होली के रंगों से आंखों में संक्रमण कंजेक्टिवाइटिस,

केमिकल बर्न, कार्नियल अब्रेशन व आंखों में चोट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

गुलाल या अबीर आंखों में जाना घातक

डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि गुलाल या अबीर के छोटे कण से कार्नियल अब्रेशन जैसा गंभीर रोग हो सकता है। इसमें आंखों से निरंतर पानी गिरने के साथ दर्द बना रहता है। यदि ध्यान न दिया जाए तो आंखों में संक्रमण या अल्सर हो सकता है।

रंग खेलते समय इन बातों का रखें ध्यान 

  • रंग खेलते समय एक-दूसरे की आंखों को बचाने का प्रयास करें।
  • आंखों में चश्मा पहन खतरनाक रंगों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।
  • रंगों को साफ करते समय भी आंखों को बंद रखें ताकि बहता हुआ रंग आंखों में न जा सके।
  • पहले तो बाहर जाएं नहीं और जाना पड़े तो गाड़ी के दरवाजे अच्छी तरह से बंद रखें।
  • घर पर रंग बनाएं और उन्हीं का इस्तेमाल करें तो अच्छा होगा।
  • बच्चों को रंग भरे गुब्बारों से न खेलने दें, वह दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • रंग लगे हाथ, आंखों के पास न ले जाएं। हाथ धोने के बाद ही आंखों को छुएं।
  • यदि को कोई चेहरे पर रंग लगाएं तो आंखों और होंठों को बंद कर लें।
  • यदि आंखों में रंग चला जाए तो तुरंत पानी के छीटें मारें।
  • होली के बाद आंखों में हल्की असहजता महसूस हो तो रुई के फाहे पर गुलाब जल छिड़ककर आंखों पर रख थोड़ी देर के लिए बंद कर लें, आराम मिलेगा।
  • यदि आंख में गुब्बारे या रंग में मिले किसी कण से चोट, रेटिना को नुकसान या रक्तस्राव हो तो आंखों को पानी से कतई न धोएं। आंखें बंद रखें  और तुरंत अस्पताल जाएं।

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