NEW DELHI : कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरो’ध प्रद’र्शन 15वें दिन भी जारी है। किसानों ने केंद्र सरकार के कानून’ में संशो’धन के प्र’स्ताव को खा’रिज कर दिया है। इसके साथ ही किसानों ने आंदो’लन को और बड़ा करने का ऐ’लान कर दिया। किसानों ने 12 दिसंबर को टोल फ्री करने और दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा हाईवे को जा’म करने का ऐ’लान किया है। इसके साथ ही 14 दिसंबर को पूरे देश में जिला मुख्यालय पर धर’ना प्रद’र्शन करने की बात कही है।सरकार ने अपना प्रस्ता’व तो भेज दिया, लेकिन किसान संगठन अपनी मां’गों पर ड’टे हुए हैं। हालांकि किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार उनकी 10 मांगे मान लेती है तो वह आंदो’लन को ख’त्म कर देंगे।
किसानों की 10 मां’गे :
1: किसानों की पहली मां’ग है कि सरकार अपने तीनों कानू’न वा’पस ले। इसको लेकर किसानों का कहना है कि मोदी सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाकर उनकी इस मां’ग पर जल्द से जल्द ए’क्शन लेना चाहिए।
2: किसानों की दूसरी मां’ग MSP यानि मिनिमम सपोर्ट प्रा’इज़ को लेकर है। किसानों की मांग है कि न्यूनतम सम’र्थन मूल्य को सरकार कानू’नी अधि’कार के तौर पर उन्हें सौंपे, जिससे किसानों के अनाज के सही दा’मों में कोई गड़’बड़ी ना हो पाए।
3: किसानों की तीसरी मां’ग है कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट पर MSP तय की जाए। बता दें कि 2004 में केंद्र सरकार ने एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स का गठन किया था, इसे आम लोग स्वामीनाथन आयोग कहते हैं। इस आयोग ने अपनी पांच रिपो’र्टें सौंपी। आखिरी और पांचवीं रिपो’र्ट 4 अक्टूबर 2006 में सौंपी गयी थी, लेकिन इस रिपोर्ट में जो सिफा’रिशें हैं उन्हें अभी तक लागू नहीं किया जा सका है।
4: पराली पर नया अध्यादेश वापस लेने की अपनी चौथी मां’ग भी किसानों ने सरकार के सामने रखी है। बता दें कि वायु प्रदू’षण से निप’टने के लिए सरकार ने पराली ज’लाने पर 1 साल की जे’ल और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्मा’ने का अध्या’देश जारी किया है, जिसे लेकर भी किसानों में खासी नारा’ज़गी है।
5: किसानों की एक मां’ग ये भी है कि खेती के लिए डीजल की कीमत आधी की जाए। कोरो’ना के बाद से पेट्रोलियम की की’मतों में जबर’दस्त उछा’ल आया है, जिसकी वजह से खेती करने की कीमत में भी इजा’फा हुआ है और इससे किसानों की परे’शानी भी ब’ढ़ी है।
6: किसानों ने किसानों के खि’लाफ द’र्ज मामलों को भी वा’पस लेने की मां’ग भी रखी है। इसमें मां’ग में वो किसान भी शामिल हैं, जिन्हें पराली ज’लाने के आरोप में जे’ल भेजा गया था। इसके अलावा कई किसानों को राज्यों के बॉर्डर पर उपद्र’व फैलाने का भी आरो’प लगाकर गिर’फ्तार किया गया था।
7: किसानों ने अपने साथियों के साथ साथ उन लोगों के खि’लाफ हुए के’स भी वा’पस लेने की मां’ग की है, जो किसानों का साथ देने के लिए उनके साथ आंदो’लन में जुड़े थे।
8: किसानों ने जे’ल में बं’द अपने सम’र्थकों को भी छो’ड़े जाने की मां’ग की है।
9: आंदो’लन को ख’त्म करने के लिए किसानों ने बिजली सु’धार बिल 2020 को भी वा’पस लेने की मां’ग की है। बिजली सुधा’र बिल के लागू होने से बिजली कंपनी को बिजली के दा’म तय करने का अधि’कार मिल गया है और इस दाम से किसानों को मिलने वाली स’ब्सिडी गा’यब होगी यानि किसानों पर महं’गी बिजली का बो’झ बढ़ेगा।
10: इन सबके साथ किसानों ने कॉन्ट्रै’क्ट फार्मिंग की इजा’जत न दिए जाने की भी मां’ग सरकार के सामने रखी है।
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