मुजफ्फरपुर : छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। छठ व्रती नदी, तालाब और घर में स्नान-ध्यान कर भगवान भास्कर की पूजा करेंगे। इसके बाद घर में कद्दू की सब्जी, अरवा चावल का भात और चना या अरहर की दाल ग्रहण करेंगे। इसी दिन महिलाएं छठ पूजा के प्रसाद के लिए गेहूं धोकर सुखाएंगी। पुराने व्रती नये व्रतियों को पान व कसैली देकर व्रत उनके हवाले करेंगे।
मंगलवार को शहर की बूढ़ी गंडक नदी के आश्रम घाट, संगमघाट, सिकंदरपुर सीढ़ीघाट, दादर घाट आदि जगहों पर सुबह में व्रती स्नान कर भगवान भास्कर की पूजा करेंगे। महिला व्रती एक दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर सुहाग की सलामती की कामना करेंगी। जो व्रती नदी घाट पर नहीं आएंगे, वे अपने घर में ही शुद्ध पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करेंगे। इसके बाद पूजा की तैयारी में जुट जाएंगे। वहीं, बुधवार को पूरे दिन निर्जला रहेंगे और संध्या में खरना पूजन करेंगे। गुरुवार को संध्या अर्घ्य और शुक्रवार की सुबह प्रात:कालीन अर्घ्य के बाद महापर्व का समापन हो जाएगा।
बाजार में 60 रुपये किलो साठी चावल बिका। नहाय-खाय के लिए कतरनी अरवा चावल 70 रुपये किलो व गुड़ 60 रुपये लोगों ने खरीदा। इसके अलावा केराव, चना दाल व अरहर की दाल की खरीदारी की। वहीं, पूजा सामग्री के समान, अरकपात, कसैली आदि की भी खूब खरीदारी हुई। इधर सूप, दउरा, चंगेली, टोकरी की भी खरीदारी जोरों पर रही। 80 रुपये जोड़ा नारियल और 60 रुपये जोड़ा गागल नीबू बिका। वहीं, केला छह सौ से आठ सौ रुपएये घौंद बिका।
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