इस साल कई शुभ संयोग में 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। दिपावली के महापर्व की शुरुआत धनतेरस से ही होती है और भाई दूज के दिन समापन होता है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और धन्वंतरि देव की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। इस बार धनतेरस के दिन त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग,इंद्र योग और वैधृति योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इससे धनतेरस के मौके पर पूजा-अर्चना और खरीदारी के कार्य समृद्धिदायक माने जा रहे हैं। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन देवताओं के वैद्य और भगवान विष्णु के अंशावतार धन्वंतरि देव का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन शाम को पूजा के दौरान दीपक भी जलाए जाते हैं।
धनतेरस के दिन 13 की संख्या बेहद शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्यों से 13 गुना अधिक शुभ फल मिलता है। इस दिन धन,ऐश्वर्य,सुख-संपदा और वैभव का आशीर्वाद पाने के लिए धनतेरस की शाम को 13 दीपक जलाना शुभ माना जाता है। मां लक्ष्मी, गणेशजी, कुबेर देवता और धन्वंतरि देव की पूजा के बाद सबसे पहले घर के दक्षिण दिशा में मुख्यद्वार के पास यमदीपक जलाएं। इसके बाद कूड़ेदान के पास दक्षिण दिशा में दीपक जलां। घर के मुख्यद्वार के दोनों कोनों पर 2 दीपक जलाएं। इससे घर की पॉजिटिविटी बढ़ती है। इसके बाद मां तुलसी के पौधे के समक्ष एक दीपक प्रज्ज्वलित करें। छत पर एक दीपक जलाना चाहिए। बाकी बचे हुए दीपक को घर के मंदिर, खिड़नी और कोनों पर जलाना चाहिए। इससे घर की नेगेटिविटी दूर होती है।
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