मुजफ्फरपुर में केदारनाथ रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्जी कंपनी के नाम पर चालू खाता खोलने के प्रयास करते हुए धराए तीनों साइबर शा’तिरों की निशानदेही पर साइबर थाने की पुलिस टीम ने मोतिहारी से दो ट्रेनर को गि’रफ्तार किया है। उनके पास से 8.40 लाख रुपये मिले हैं। ये रुपये साइबर फ्रॉ’ड फर्जी तरीके से खोले गए बैंक खातों से लेनदेन पर कमीशन में मिले हैं। शा’तिरों ने फ्रॉ’ड के रुपये से कई लग्जरी गाड़िया, मकान और गांव में 12 बीघा जमीन खरीदी है। बीते 24 घंटे से चली कार्रवाई में गि’रफ्तार हुए गिरो’ह के पांच शाति’रों को गुरुवार शाम कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उन्हें जेल भेजा गया।
सिटी एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि शातिरों के पास से नौ आईफोन मोबाइल, एक लैपटॉप, 12 एटीएम कार्ड, एक पासबुक और बैंक खाता खोलने के लिए वेलकम किट बरामद हुए हैं। सोने के गहने भी मिले हैं। बैंक भ्रमण के दौरान पहुंची पुलिस ने पहले संग्रामपुर थाना के इनरगाछी के विक्की कुमार, तुरकौलिया थाना के मोहबत छपरा निवासी देवा कुमार और पतौड़ा मठिया निवासी आलोक शुक्ला को गिर’फ्तार किया गया। इनके पास से फर्जी कंपनी के पांच मुहर और फर्जी कंपनी के नाम पर चालू खाता खोलने के कागजात मिले। तीनों की निशानदेही पर साइबर डीएसपी सीमा देवी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मोतिहारी में छापेमारी कर केसरिया थाना के दरमाहा वार्ड नौ के निवासी आशिष चंद्र और छोटन सिंह को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से रुपये और अन्य सामान मिले। इस गिरोह का तीसरा मुख्य सरगना विवेक और उसका साथी अंकित फरार है। गिरोह ने करोड़ों रुपये की काली कमाई की है।
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